मच्छर के लार से निकलकर मनुष्य के रक्त में परजीवी की तरह पलने वाले फाइलेरिया के वयस्क कीटाणु केवल मानव लिम्फ प्रणाली में रहते हैं और इसे नुकसान पहुंचाते रहते हैं। लिम्फ प्रणाली शरीर के तरल संतुलन को बनाए रखती है और संक्रमण का मुकाबला करती है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा लिम्फेटिक फाइलेरिया (एलएफ) के उन्मूलन के लिए एक त्वरित योजना (एपीईएलएफ) शुरू की जा रही है। वर्ष 2020 के वैश्विक एलएफ उन्मूलन लक्ष्य को पूरा करने के लिए भारत को तेजी से काम करने की जरूरत है।
फाइलेरिया, जिसे बोलचाल की भाषा में हाथीपांव भी कहा जाता है, अंगों, आमतौर पर पैर, घुटने से नीचे की भारी सूजन या हाइड्रोसेल (स्क्रोटम की सूजन) के कारण बदसूरती और विकलांगता का कारण बन सकता है। भारत में 99.4 प्रतिशत मामलों में वुकेरिए बैंक्रोफ्टी प्रजाति का कारण हंै।
यह कीड़े लगभग 50,000 माइक्रो फ्लेरी (सूक्ष्म लार्वा) उत्पन्न करते हैं, जो किसी व्यक्ति के रक्त प्रवाह में प्रवेश कर जाते हैं, और जब मच्छर संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो उसमें प्रवेश कर जाते हैं। जिनके रक्त में माइक्रो फ्लेरी होते हैं वे ऊपर से स्वस्थ दिखायी दे सकते हैं, लेकिन वे संक्रामक हो सकते हैं। वयस्क कीड़े में विकसित लार्वा मनुष्यों में लगभग पांच से आठ साल और अधिक समय तक जीवित रह सकता है। हालांकि वर्षों तक इस कोई लक्षण दिखाई नहीं देता, लेकिन यह लिम्फैटिक प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इसकी रोकथाम के लिए फाइलेरिया फ्री इंडिया कार्यक्रम के हिस्से के रूप में 2004 से बड़े पैमाने पर दवा वितरण अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके तहत, स्थानिक जिलों में लगभग 65 प्रतिशत आबादी में दो दवाएं दी जाती हैं- पांच साल तक साल में एक बार डाइएथिल कारबामेजिन साइट्रेट (डीईसी) और अल्बेंडाजोल की गोलियां।
कई चुनौतियां हैं, जिनके कारण भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनिवार्य रूप से एलएफ को खत्म करने के लक्ष्य के करीब पहुंचने में सक्षम नहीं हो पाया है। सभी हितधारकों के बीच अधिक समन्वय की जरूरत है। साथ ही, आवश्यक परिवर्तन लागू करना और लक्ष्य प्राप्ति के लिए टेक्नोलॉजी का भी सहारा लेना।
मच्छर के काटने से बचाव रक्षा का सबसे अच्छा तरीका है, जब वाहक अधिक सक्रिय होते हैं, तब सुबह-शाम बाहर जाने से बचें। एक कीटनाशक छिड़की हुई मच्छरदानी के अंदर सोएं, लंबी आस्तीन वाली शर्ट और पतलून पहनें और खुद को कवर करके रखें, तीव्र खुशबू वाला सेंट न लगायें, वह मच्छरों को आकर्षित कर सकता है।