रोग और उपचार

इन कारणों से हाथ-पैरों में झनझनाहट महसूस होती है

लोगों में इसके प्रति जागरुकता न होने के कारण इस रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या मेंं बढ़ोत्तरी हो रही है। जानते हैं इसके इलाज के बारे में और बचाव का तरीका-

Sep 03, 2019 / 02:46 pm

विकास गुप्ता

लोगों में इसके प्रति जागरुकता न होने के कारण इस रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या मेंं बढ़ोत्तरी हो रही है। जानते हैं इसके इलाज के बारे में और बचाव का तरीका-

न्यूरोपैथी तंत्रिका से जुड़ा डिसऑर्डर है जिसमेंं मरीज को अक्सर हाथ-पैरों में चीटियों के चलने जैसा महसूस होता है। लोगों में इसके प्रति जागरुकता न होने के कारण इस रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या मेंं बढ़ोत्तरी हो रही है। जानते हैं इसके इलाज के बारे में और बचाव का तरीका-

ये हैं लक्षण –
हाथ-पैरों में चीटियां चलने जैसा अहसास। शरीर में कमजोरी व हाथ-पैरों में दर्द होना। सामान्यत: यह दर्द बिजली के करंट जैसा होता है। नसों मे खिंचाव होना और त्वचा का सुन्न पड़ना। इसके अलावा शरीर के संतुलन में कमी होना भी एक लक्षण है।

मुख्य कारण –
डायबिटीज : शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बिगड़ने से स्नायुतंत्र कमजोर होने लगता है।
बढ़ती उम्र : इस दौरान दिमाग का कार्य धीमा होने से न्यूरोपैथी होना एक सामान्य समस्या है।
शराब पीना : शराब पीने से दिमाग कमजोर हो जाता है जिससे इस रोग की आशंका रहती है।
संक्रमण : कई तरह का संक्रमण भी तंत्रिका तंतुओं को कमजोर करता है, इसमें एचआईवी मुख्य है।
दुर्घटना : किसी तरह का एक्सीडेंट स्नायुतंत्र को प्रभावित कर न्यूरोपैथी का कारण बनता है।
ऑटोइम्यून डिजीज : जब शरीर का रोग प्रतिरोधी तंत्र ही बॉडी के विरुद्ध काम करने लगता है तो न्यूरोपैथी की आशंका रहती है। ऐसे में असमय न्यूरोपैथी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

खानपान पर ध्यान दें –
रोगी को खानपान पर विशेष ध्यान देने की सलाह देते हैं। ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के लिए खानपान में हरी सब्जियां शामिल करें। शरीर में पोषक तत्त्वों की कमी न हो इसके लिए मौसमी फल खाने के लिए कहते हैं। इसके अलावा नियमित रूप से वॉक करें। साथ ही न्यूरोपैथी से जुड़े लक्षण दिखते ही विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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