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रोग और उपचार

नवजात को हृदय रोग की समस्या है तो घबराएं नहीं, 95 प्रतिशत नवजातों में दिल का इलाज संभव

नवजातों में दिल की बीमारी हर एक हजार बच्चों में से 8-12 बच्चों में होती है। भारत में प्रतिवर्ष करीब डेढ़ लाख बच्चे दिल की बीमारी के साथ पैदा होते हैं। इनमें से 80 हजार को तुरंत ऑपरेशन की जरूरत होती है, लेकिन सिर्फ चार हजार नवजातों को ही इलाज मिल पाता है।

Jun 21, 2019 / 01:11 pm

Jitendra Rangey

cardiovascular

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बच्चों में हृदय की कौनसी बीमारियां ज्यादा होती हैं?
बच्चों में ज्यादातर दिल में सुराग होना, धमनियों का गलत जुड़ाव व रक्त नलियों में रुकावट के मामले सामने आते हैं। मां-बाप को बीमारी के शुरुआती संकेतों पर ध्यान रखना चाहिए जैसे बार-बार खांसी-जुकाम या निमोनिया, रक्त में ऑक्सीजन की कमी से शरीर का नीला पडऩा, बेवजह संास फूलना, वजन ना बढऩा या ग्रोथ रुक जाना।
क्या सर्जरी के बाद बच्चा आम बच्चों की तरह जीवन जी सकता है ?
करीब 90 प्रतिशत से अधिक बच्चों के हृदय रोगों का इलाज 95 प्रतिशत सफलता से किया जा सकता है। ऐसे लगभग सभी बच्चे सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं। स्थिति के अनुसार चिकित्सक कुछ सावधानी बरतने की सलाह अभिभावकों को देते हैं, जिनका ध्यान रखना जरूरी है।
हृदय रोग कम करने के लिए क्या करना चाहिए?
दूरदराज के डॉक्टरों और समाज में इन बीमारियों के प्रति जागरुकता बढ़ाई जानी चाहिए ताकि इन बच्चों को स्पेशलाइज्ड पीडियाट्रिक कार्डियक हॉस्पिटल में वक्त रहते सही इलाज दिया जा सके। ऐसे हालात में समय का काफी महत्व है।
डॉ. सुनील कौशल, पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जन

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