अचानक से बैठे-बैठे कानों में तेज सीटी, कनस्तर पीटने या ट्रैफिक में फंसे होने जैसा शोर महसूस होना कई बार बैचैनी की वजह बन जाती है। कभी रह-रहकर तो कभी लगातार ये आवाज कान के बहरेपन का कारण बनती है।कई बार ये शोर इतना होता है कि सोने भी नहीं देता।
टिनिटस के लक्षण इस बीमारी में कान में तेज घंटियां या किसी भी अलग तरह का शोर होता हैं। साथ ही सुनने की क्षमता भी तेजी से कम होती जाती है। इसके अलावा बीमारी बढ़ने पर चक्कर आना या तेज सिरदर्द भी होता है। इसके अलावा कान में झनझनाहट हमेशा रहती है अगर शोर कुछ पल के लिए शांत भी हो जाएतो। कान बजने की तीव्रता घटती-बढ़ती रहती है।
टिनिटस होने के कारण टिनिटस होने के पीछे एक नहीं कई वजहें जिम्मेदार हो सकती हैं। पहला ये जेनेटिक भी हो सकता है। इसके अलावा बहुत शोर वाली जगहों पर रहना या काम करना, बहुत ज्यादा ईयर डिवाइस जैसे ईयरफोन, हेडफोन या तेज म्यूजिक सुनना, साइनस का होना, ईयरवैक्स बहुत ज्यादा निकालने की आदत या कान से जुड़ी बीमारी, कान की नसों का सूखना या फूलना। अब इसमें एक बड़ी वजह कोरोना संक्रमण का होना भी जुड़ गई है।
टिनिटस से बचाव के लिए ध्यान दें इन बातों पर सबसे पहले कान में अगर ऊपर दिए लक्षण नजर आ रहे हैं तो आपको बिना देर किए ईएनटी स्पेशलिस्ट से मिलना चाहिए। इसके अलावा इन बातों पर ध्यान दें।
- कान में किसी भी प्रकार की दवा, ईयरबड्स का इस्तेमाल न करें।
- ईयरफोन, हेडफान और लंबे समय तक मोबाइल पर बात करना बंद कर दें। बात करनी हो तो स्पीकर पर करें।
- तेज आवाज, म्यूजिक या शोर वाली जगहों से दूर रहें।
- एक्सरसाइज करें, सही समय पर सोएं, स्ट्रेस आदि से दूर रहें।
- स्मोकिंग या शराब आदि बिलकुल बंद कर दें।
- हेल्दी डाइट लेना शुरू करें।
असल में टिनीटिस कोई बीमारी नहीं बल्कि एक लक्षण है, जिसका कोई सरल इलाज नहीं है। यह एक संकेत है कि आपने सुनने के तंत्र में कुछ गड़बड़ है।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।