खामोशी दर्द को बढ़ाती है
हार्वर्ड के मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल में पेन मैनेजमेंट की डायरेक्टर डॉ. एलेन स्लॉसबी कहती है, ‘आमतौर पर पुरुष शारीरिक दर्द को खामोशी से झेलते रहते हैं। उन्हें किसी को अपने दर्द के बारे में बताने में संकोच होता है। इससे वे इमोशनल डिस्ट्रेस के शिकार हो जाते हैं, जिससे उनकी समस्या और भी बढ़ जाती है।ऐसे में यह दर्द जीवन के हर पहलू को प्रभावित करने लगता है।
हार्वर्ड के मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल में पेन मैनेजमेंट की डायरेक्टर डॉ. एलेन स्लॉसबी कहती है, ‘आमतौर पर पुरुष शारीरिक दर्द को खामोशी से झेलते रहते हैं। उन्हें किसी को अपने दर्द के बारे में बताने में संकोच होता है। इससे वे इमोशनल डिस्ट्रेस के शिकार हो जाते हैं, जिससे उनकी समस्या और भी बढ़ जाती है।ऐसे में यह दर्द जीवन के हर पहलू को प्रभावित करने लगता है।
खुद से बात करें
जब आप दर्द की परेशानी झेल रहे हों, जो जरा सोचकर देखें कि इस स्थिति में आप अपने मित्र को क्या सलाह देते? अब इस सलाह को पूरी ईमानदारी से कागज पर लिख लें फिर खुद पढ़ें। आपने जरूर यही लिखा होगा कि निगेटिव सोच से किसी समस्या का हल नहीं होगा, इसलिए पॉजिटिव एटीट्यूड रखें और लाइफ को ईजी बनाने के उपाय सोचें।
जब आप दर्द की परेशानी झेल रहे हों, जो जरा सोचकर देखें कि इस स्थिति में आप अपने मित्र को क्या सलाह देते? अब इस सलाह को पूरी ईमानदारी से कागज पर लिख लें फिर खुद पढ़ें। आपने जरूर यही लिखा होगा कि निगेटिव सोच से किसी समस्या का हल नहीं होगा, इसलिए पॉजिटिव एटीट्यूड रखें और लाइफ को ईजी बनाने के उपाय सोचें।
शेयर करें दर्द की बात
अपने दर्द के बारे में अपने खास मित्रों व परिवारजनों को जरूर बताएं, इससे वे आपके मददगार होंगे। उन्हें आपकी स्थिति के बारे में पता रहेगा तो वे सामाजिक जीवन में आपको दुविधा वाले क्षणों से बचाएंगे। आप खुद को हल्का भी महसूस करेंगे।
अपने दर्द के बारे में अपने खास मित्रों व परिवारजनों को जरूर बताएं, इससे वे आपके मददगार होंगे। उन्हें आपकी स्थिति के बारे में पता रहेगा तो वे सामाजिक जीवन में आपको दुविधा वाले क्षणों से बचाएंगे। आप खुद को हल्का भी महसूस करेंगे।
सफलता को याद करें
पहले के उन पलों को याद करें जब दर्द के बावजूद आपने कुछ अचीव कर लिया था। इससे आपको मानसिक ताकत मिलेगी कि यह दर्द आपको अतीत में भी परेशान कर चुका है लेकिन आपने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर उससे मुकाबला करते हुए अपना काम रूकने नहीं दिया था।
पहले के उन पलों को याद करें जब दर्द के बावजूद आपने कुछ अचीव कर लिया था। इससे आपको मानसिक ताकत मिलेगी कि यह दर्द आपको अतीत में भी परेशान कर चुका है लेकिन आपने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर उससे मुकाबला करते हुए अपना काम रूकने नहीं दिया था।
अपनाएं ब्रीद काउंटिंग
दर्द से स्ट्रेस महसूस कर रहे हों तो आंखों को बंद करके एक गहरी सांस लें एक दो सैकंड रोकें और एक दो गिनती गिनें फिर पूरी तरह सांस छोड़ दें। फिर गहरी सांस लेकर पांच तक गिनें और छोड़ दें। धीरे-धीरे सांस रोकने का समय, गिनती की संख्या बढ़ाएं और फिर सांस छोड़ें।
लिखिए ग्रैटीट्यूड डायरी
प्रतिकूलताओं के बावजूद जिंदगी में हर रोज कुछ न कुछ अच्छा जरूर होता है। इन अच्छे पलों को एक डायरी में लिखें। इन अच्छी चीजों के लिए ईश्वर और मददगार लोगों के लिए आभार के शब्द डायरी में अंकित करें। इससे आपको मोटीवेशन भी मिलेगा और दूसरों के लिए कुछ करने की इच्छा होगी।
जितना संभव हो मूव करें
जितना भी संभव हो थोड़ा बहुत मूवमेंट जरूर करते रहें। अपना ध्यान इस बात पर केंद्रित करें कि आप क्या कर सकते हैं। ऐसा कभी न सोचें कि जब ढंग से एक्सरसाइज नहीं कर सकते, तो इतनी सी देर करके भी क्या फायदा बल्कि यह सोचें कि जितनी देर यह करेंगे, उसका भी कोई न कोई फायदा शरीर को जरूर मिलेगा। चाहे यह कोई सिंपल स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज ही क्यों न हो।
दर्द से स्ट्रेस महसूस कर रहे हों तो आंखों को बंद करके एक गहरी सांस लें एक दो सैकंड रोकें और एक दो गिनती गिनें फिर पूरी तरह सांस छोड़ दें। फिर गहरी सांस लेकर पांच तक गिनें और छोड़ दें। धीरे-धीरे सांस रोकने का समय, गिनती की संख्या बढ़ाएं और फिर सांस छोड़ें।
लिखिए ग्रैटीट्यूड डायरी
प्रतिकूलताओं के बावजूद जिंदगी में हर रोज कुछ न कुछ अच्छा जरूर होता है। इन अच्छे पलों को एक डायरी में लिखें। इन अच्छी चीजों के लिए ईश्वर और मददगार लोगों के लिए आभार के शब्द डायरी में अंकित करें। इससे आपको मोटीवेशन भी मिलेगा और दूसरों के लिए कुछ करने की इच्छा होगी।
जितना संभव हो मूव करें
जितना भी संभव हो थोड़ा बहुत मूवमेंट जरूर करते रहें। अपना ध्यान इस बात पर केंद्रित करें कि आप क्या कर सकते हैं। ऐसा कभी न सोचें कि जब ढंग से एक्सरसाइज नहीं कर सकते, तो इतनी सी देर करके भी क्या फायदा बल्कि यह सोचें कि जितनी देर यह करेंगे, उसका भी कोई न कोई फायदा शरीर को जरूर मिलेगा। चाहे यह कोई सिंपल स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज ही क्यों न हो।