ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव –
बैलेंस डिसऑर्डर की स्थिति में मरीज को ये लक्षण महसूस हो सकते हैं जैसे अचानक गिर जाना या गिरने जैसा अहसास, चक्कर या सिर घूमने जैसा लगना या सिर में हल्कापन लगना, उल्टी-दस्त, कुछ समय के लिए धुंधला दिखाई देना, हृदय की धड़कनें तेज होना व ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव, डर, घबराहट व बेचैनी महसूस होना आदि।
कान से जुड़ी समस्या –
बैलेंस डिसऑर्डर के कई कारण हो सकते हैं जिनमें कुछ विशेष दवाओं को नियमित लेना भी हो सकता है। मेडिकली बैलेंस डिसऑर्डर की समस्या कान के उस अंदरूनी हिस्से से जुड़ी है जो शरीर का संतुलन बनाए रखने का काम करता है।
ये भी हैं कारण –
कई परेशानियों जैसे कान में किसी प्रकार का वायरल इंफेक्शन, सिर पर लगने वाली चोट, दिमाग को तकलीफ पहुंचाने वाली ब्लड सर्कुलेशन की गड़बड़ी या उम्र बढऩे के कारण बैलेंस डिसऑर्डर की स्थिति बन सकती है। इसके अलावा और भी कई तरह के बैलेंस डिसऑर्डर पाए जाते हैं। ऐसे में लक्षण पहचानकर समय पर डॉक्टरी सलाह लें। मेडिटेशन और योग की मदद से भी दिमागी कार्यक्षमता को प्रभावित होने से बचाया जा सकता है।
जांच व इलाज –
बैलेंस डिसऑर्डर के लक्षणों को समझ पाना मुश्किल हो जाता है। समस्या के मूल कारण को जानने के लिए ऑटोलेरिंगोलॉजिस्ट या नाक, कान, गले के रोगों से जुड़े ईएनटी विशेषज्ञ को दिखाना भी सही तरीका हो सकता है। जांचों में कई बार इस परेशानी का कारण सामने नहीं आ पाता। ऐसे में दवाइयों के अलावा कुछ विशेष थैरेपी भी उपयोग में लाई जा सकती है।