नवी मलम जैल –
नवी मलम का इस्तेमाल सबसे पहले नेपाल में शुरू हुआ। भारत में भी इसका प्रचार प्रसार हो रहा है। इसे डब्ल्यूएचओ ने भी बच्चों के लिए जरूरी मेडिसिन की अपनी मॉडल लिस्ट में जोड़ा है।
कॉर्ड का इंफेक्शन –
बच्चे के जन्म के बाद 2-3 इंच कॉर्ड बचाकर बाकी कॉर्ड तुरंत काट दी जाती है और उसे बांधा जाता है। इसके दो हफ्ते बाद बची हुई कॉर्ड अपने आप गिर जाती है। कॉर्ड काटने के लिए गांवों में दाइयां जंग लगा चाकू या फरड़ा इस्तेमाल कर लेती हैं। कई बार मांएं गर्भनाल पर हल्दी, सरसों या नारियल का तेल, गोबर, घी, राख या मिट्टी लगा देती हैं। इससे बच्चे की कॉर्ड लाल हो जाती है और सूजन के साथ मवाद निकलने लगता है,डॉक्टरी सलाह ना लेने पर बच्चे की जान भी जा सकती है।
साफ-सफाई जरूरी –
गर्भनाल काटते समय दाइयों को अपने हाथों की साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए। नाल काटने और बांधने के लिए प्रयोग की जाने वाली चीजों की सफाई भी जरूरी है। बालरोग विशेषज्ञ के अनुसार कॉर्ड को इंफेक्शन से बचाने के लिए उसे खुला, सूखा और साफ रखना बेहद जरूरी है। इसके अलावा इस पर कुछ लगाने की जरूरत नहीं होती। मां को टिटनेस का टीका लगने से इसका खतरा नहीं होता।
मम्मी ये करें –
शुरुआती एक हफ्ते ब%