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बाजार का दूषित चटपटा खाने से अटक सकती है सांस

locationजयपुरPublished: May 20, 2018 03:14:42 pm

Submitted by:

manish singh

गर्मियों के मौसम में बाहर का चटपटा खाना दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है।

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बाजार का दूषित चटपटा खाने से अटक सकती है सांस

गर्मियों के मौसम में बाहर का चटपटा खाना दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है। खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों से वायरल गैस्ट्रोइंट्राटाइटिस की तकलीफ होती है। इसमें खाने का दूषित प्रोटीन शरीर में मौजूद स्वस्थ प्रोटीन के साथ मिल जाता है। इसके मिलने पर व्यक्ति को पहले तो उल्टी दस्त होती है। इसके बाद शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता शरीर के खिलाफ ही काम करने लगती है। मेडिकली इस बीमारी को ग्युलेन बार सिंड्रोम कहा जाता है। इसका सबसे बुरा असर सांस नली की मांसपेशियों पर पड़ता है और वे कमजोर होने लगती हैं। ऐसा होने पर व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ, बोलने में दिक्कत, निगलने में दिक्कत शुरू हो जाती है। कुछ गंभीर मामलों में सांस अचानक से अटक जाती है जिससे रोगी की मौत भी हो सकती है। इसे मेडिकली रेसपिरेटरी डिप्रेशन कहते हैं। इस तरह की परेशानी को ठीक करने के लिए इंट्रावीनस इम्यूनो ग्लोब्युलिन प्रक्रिया के तहत इलाज होता है। इसमें रोगी को ड्रिप के माध्यम से दवा पहुंचाकर भीतर हुए संक्रमण को खत्म किया जाता है।


ज्यादा पसीना आने से होती है खून संबंधी यह तकलीफ

गर्मियों में तापमान बढऩे पर अधिक मात्रा में पसीना निकलता है। इस वजह से धमनियों में दौड़ रहा रक्त गाढ़ा हो जाता है। खून गाढ़ा होने पर दिमाग की खून की नलियों में रक्त के थक्के बनने लगते हैं। दिमाग की रक्त वाहिकाओं में जब थक्का बनता है तो रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और व्यक्ति अचानक बेहोशी की स्थिति में चला जाता है तो कुछ मामलों में व्यक्ति को लकवा की शिकायत हो जाती है। गर्मियों में ऐसी स्थिति से बचने के लिए व्यक्ति को प्रतिदिन कम से कम तीन लीटर पानी पीना चाहिए। साथ ही बहुत तेज कड़ी धूप और लू में निकलने से बचना चाहिए। लू के थपेड़ों से भी दिमाग की कोशिकाओं को नुकसान होता है। दिमाग की नलियों में रक्त का प्रवाह कम होने से शरीर में कमजोरी या कम ताकत जैसा महसूस होना, आवाज का लडखड़़ाने लगना, चलने फिरने में तकलीफ होने जैसी समस्या होती है। इस तरह की परेशानी से रोगी को बचाने के लिए सबसे पहले सीटी स्कैन कराते हैं। इसके बाद खून पतला करने की दवा देते हैं जिससे दिमाग में रक्त का प्रवाह सामान्य हो सके। इस तरह के मामले में लापरवाही रोगी को अपंग बना सकती है। वसायुक्त खाद्य पदार्थ खाने से बचना चाहिए। गर्मियों में दस से बीस मरीज इस समस्या से पीडि़त हो अस्पताल पहुंचते हैं।

गर्मी में त्वचा की चमक ऐसे रहेगी बरकरार

सेब को मैश कर उसमें शहद व हल्दी मिलाकर फेस पैक बनाएं। रोज चेहरे पर लगाएं चेहरे की नमी बनी रहती है।
चेहरे को ठंडक पहुंचाने के लिए आइस क्यूब से चेहरा साफ करें, धूप की जलन कम होगी, नमी वापस लौटेगी
चेहरे पर गुलाब जल नियमित लगाया जाए तो फायदा मिलता है तैलीय त्वचा है तो खीरे का पेस्ट चेहरे पर लगाएं फिर 15 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लें दिनभर में तीन से चार बार चेहरे को ठंडे पानी से धोएं। इससे चेहरे की त्वचा साफ रहती है अगर त्वचा धूप में झुलस गई है, तो चेहरे पर तरबूज और एलोवेरा लगाकर 10 मिनट में धो लें।

डॉ. भावना शर्मा, न्यूरोलॉजिस्ट, एसएमएस, जयपुर

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