ज्यादा पसीना आने से होती है खून संबंधी यह तकलीफ
गर्मियों में तापमान बढऩे पर अधिक मात्रा में पसीना निकलता है। इस वजह से धमनियों में दौड़ रहा रक्त गाढ़ा हो जाता है। खून गाढ़ा होने पर दिमाग की खून की नलियों में रक्त के थक्के बनने लगते हैं। दिमाग की रक्त वाहिकाओं में जब थक्का बनता है तो रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और व्यक्ति अचानक बेहोशी की स्थिति में चला जाता है तो कुछ मामलों में व्यक्ति को लकवा की शिकायत हो जाती है। गर्मियों में ऐसी स्थिति से बचने के लिए व्यक्ति को प्रतिदिन कम से कम तीन लीटर पानी पीना चाहिए। साथ ही बहुत तेज कड़ी धूप और लू में निकलने से बचना चाहिए। लू के थपेड़ों से भी दिमाग की कोशिकाओं को नुकसान होता है। दिमाग की नलियों में रक्त का प्रवाह कम होने से शरीर में कमजोरी या कम ताकत जैसा महसूस होना, आवाज का लडखड़़ाने लगना, चलने फिरने में तकलीफ होने जैसी समस्या होती है। इस तरह की परेशानी से रोगी को बचाने के लिए सबसे पहले सीटी स्कैन कराते हैं। इसके बाद खून पतला करने की दवा देते हैं जिससे दिमाग में रक्त का प्रवाह सामान्य हो सके। इस तरह के मामले में लापरवाही रोगी को अपंग बना सकती है। वसायुक्त खाद्य पदार्थ खाने से बचना चाहिए। गर्मियों में दस से बीस मरीज इस समस्या से पीडि़त हो अस्पताल पहुंचते हैं।
चेहरे को ठंडक पहुंचाने के लिए आइस क्यूब से चेहरा साफ करें, धूप की जलन कम होगी, नमी वापस लौटेगी
चेहरे पर गुलाब जल नियमित लगाया जाए तो फायदा मिलता है तैलीय त्वचा है तो खीरे का पेस्ट चेहरे पर लगाएं फिर 15 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लें दिनभर में तीन से चार बार चेहरे को ठंडे पानी से धोएं। इससे चेहरे की त्वचा साफ रहती है अगर त्वचा धूप में झुलस गई है, तो चेहरे पर तरबूज और एलोवेरा लगाकर 10 मिनट में धो लें।
डॉ. भावना शर्मा, न्यूरोलॉजिस्ट, एसएमएस, जयपुर