रोग और उपचार

पट्टी विधि और भाप से फेफड़ों को मिलेगा आराम, जाने कैसे

मौसम में घट रहे तापमान के कारण बुखार, जुकाम और खांसी की समस्या आम हो गई है।

जयपुरJan 14, 2018 / 05:41 am

शंकर शर्मा

मौसम में घट रहे तापमान के कारण बुखार, जुकाम और खांसी की समस्या आम हो गई है। ऐसे में कुछ लोगों को बुखार आदि से कुछ समय बाद आराम तो हो जाता है लेकिन खांसी बरकरार रहती है। ऐसे में नैचुरोपैथी में कुंजल क्रिया के अलावा लपेट विधि और भाप लेने की प्रक्रियाओं से फेफड़ों को राहत मिलने से बलगम से छुडक़ारा मिल सकता है। जानते हैं इन क्रियाओं को करने का तरीका और होने वाले लाभ के बारे में-

भाप लेना
ऐसे करें : एक बर्तन में पानी भरकर नीलगिरी के तेल की कुछ बूंंदें इसमें डालें। इस पानी को इतना गर्म कर लें कि भाप लेने में दिक्कत न आए। अच्छे से गर्म होने के बाद तौलिया सिर पर लेकर चेहरे के आगे तक ऐसे लटका लें कि भाप नाक से सीधी सीने में महसूस हो। इस दौरान बीच-बीच में सामान्य सांस लें।


ये न करें : सांस लेने में दिक्कत या एलर्जी की समस्या है तो इसे करने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें। साथ ही यदि सिरदर्द या माइग्रेन है तो भी ध्यान रखें।

फायदे : इससे फेफड़े खुलेंगे और सांसनली और आसपास जमा कफ बाहर निकलेगा। खांसी में लाभ होगा।

 

पट्टी विधि

 

ऐसे करें : गर्म पानी से ५-१० मिनट के लिए भाप लें। उसके बाद सीने या फेफड़े की तरफ शरीर के बाहर से सूती या ऊनी कपड़े को ३० मिनट के लिए हल्के रूप से लपेट दें ताकि भाप से शरीर में गई गर्मी अंदर बरकरार रहे।

ये न करें : हाल ही पेट या फेफड़े से जुड़ी कोई सर्जरी हुई हो या पेट व सीने में दर्द की समस्या हो तो इस क्रिया को करने से बचें। दोपहर के खाने के ५ घंटे बाद इसे करें।

फायदे : इस विधि से शरीर के अंदरुनी हिस्सों में जमा ठंड के कारण कफ पिघलकर निकलेगा।

ध्यान रखें ये बातें : कुंजल विधि को खाली पेट करें। इन क्रियाओं को सुबह-शाम कर सकते हैं। खांसी की गंभीर समस्या मेें नियमित गरारे करें। भाप लेने के ५ मिनट बाद ही ठंडा पानी पीएं। इन प्रक्रियाओं को किसी प्रशिक्षित की देखरेख में ही करें।

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