यहां से मिलेंगे स्टेम सेल –
स्टेम सेल को तीन तरह से प्राप्त किया जाता है। एक-गर्भस्थ शिशु के भ्रूण के तंतुओं से, जिसे भ्रूण स्टेम सेल कहते हैं। दूसरा, कार्ड स्टेम सेल जो कि जन्म के समय बच्चों के गर्भनाल से लिए जाते हैं। तीसरा, वयस्क स्टेम सेल जो बोनमैरो से एकत्र किए जाते हैं।
इनका हो सकता है इलाज –
कैंसर, दिल संबंधी बीमारियां, स्ट्रोक, डायबिटीज, रीढ़ की हड्डी में चोट, मांसपेशियों में गड़बड़ी, लिवर व किडनी की बीमारी और आंखों की रोशनी चले जाना जैसी बीमारियों का इलाज किया जा सकता है।
थैरेपी के फायदे –
ह्रदय की मांसपेशियों और ऊतकों का नवीकरण नहीं हो सकता। एक बार अगर ये क्षतिग्रस्त हो गए तो स्थायी रूप से खत्म हो जाते हैं लेकिन अब स्टेम सेल तकनीक द्वारा इन ऊतकों और मांसपेशियों को दोबारा पुनर्जीवित किया जा सकता है। वैसे इस थैरेपी का कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है।