कारण :
कम्प्यूटर रूम में सुनियोजित प्रकाश की व्यवस्था न होना, स्क्रीन के ज्यादा नजदीक बैठना, कम्प्यूटर के सामने अत्यधिक प्रकाश वाले बल्ब का उपयोग करना या लैपटॉप पर काम करते समय फोंट काफी छोटा रखने की वजह से कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम की समस्या हो सकती है।
लक्षण :
आंखों में दर्द के साथ लालिमा, सूखापन, आंखों के नीचे घेरे बनना, दोहरा दिखाई देना, विभिन्न रंगों में फर्क न कर पाना, सामान्य और तेज प्रकाश के सामने आंखों का चौंध जाना, गर्दन में दर्द, सिरदर्द और असमय कमरदर्द होना।
होम्योपैथी चिकित्सा कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम और इससे होने वाली अन्य समस्याओं से निजात पाने के लिए प्रभावी हो सकती है। आइए जानते हैं इसमें प्रयोग होने वाली दवाओं के बारे में।
– काफी देर तक किसी एक ही चीज पर फोकस करने से जब आंखों में तेज दर्द के साथ थकावट महसूस होती है या छूने से आंखों में दर्द होने लगता है तो आर्निका मोनटाना दवा का प्रयोग किया जाता है।
– आंखों में जलन, लालिमा के साथ पानी आना व रोगी की नाक बहने जैसे लक्षण होने पर यूफे्रसिया का इस्तेमाल किया जाता है। – कम्प्यूटर पर काम करने वाले लोगों को अक्सर कमर दर्द की समस्या हो जाती है। इसके लिए जेन्थियम 6 सी दवा प्रभावी होती है। इसके अलावा जो लोग कम्प्यूटर पर काम करते हैं, उन्हें आंखों को दिन में 2-3 बार ठंडे पानी से धोना चाहिए।
– कम्प्यूटर के सामने ज्यादा देर काम करने से होने वाली परेशानियों और आंखों के चारों ओर की मांशपेशियां के थकने पर अर्जेंटम नाइट्रिकम का प्रयोग किया जाता है। यह दवा आंखों की मांसपेशियों को शक्ति प्रदान करती है। लंबे समय तक काम करने के बाद रोगी को आंखों को थोड़ी देर के लिए आराम देना चाहिए।