जयपुरPublished: Jun 24, 2023 03:13:29 pm
Jyoti Kumar
अगर बात करें देश में थैलेसीमिया रोगियों की तो इस रोग से पीडि़त हर वर्ष करीब 10-12 हजार बच्चे जन्म लेते हैं। वहीं इसके वयस्क मरीजों की संख्या लाखों में है। दुनिया में सबसे अधिक थैलेसीमिया रोगी भारत में हैं। यह जन्मजात रोग दो प्रकार का होता है। मेजर और माइनर। जिन बच्चों में माइनर थैलेसीमिया होता है, वे लगभग स्वस्थ जीवन जीते हैं। जबकि जिनमें मेजर होता है।
अगर बात करें देश में थैलेसीमिया रोगियों की तो इस रोग से पीडि़त हर वर्ष करीब 10-12 हजार बच्चे जन्म लेते हैं। वहीं इसके वयस्क मरीजों की संख्या लाखों में है। दुनिया में सबसे अधिक थैलेसीमिया रोगी भारत में हैं। यह जन्मजात रोग दो प्रकार का होता है। मेजर और माइनर। जिन बच्चों में माइनर थैलेसीमिया होता है, वे लगभग स्वस्थ जीवन जीते हैं। जबकि जिनमें मेजर होता है। उन्हें लगभग हर माह ब्लड की जरूरत पड़ती है।