scriptइस कारण से बदल जाता है अंगुलियों का रंग | The color of the finger changes due to this | Patrika News

इस कारण से बदल जाता है अंगुलियों का रंग

locationजयपुरPublished: May 04, 2019 12:47:46 pm

Submitted by:

Jitendra Rangey

अक्सर शरीर की त्वचा का रंग बदल जाता है। चिकित्सीय भाषा में इसे रेनॉड फिनोमिना कहते हैं।

finger changes

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क्या है रोग : तापमान घटने से हाथ-पैरों की खून की नसें सिकुड़ती हैं जिससे अंगुलियों में रक्तप्रवाह कम हो जाता है और इनका रंग सफेद, नीला या लाल होने लगता है। कई बार नसों में सिकुडऩ अधिक होने से इन अंगों में रक्तप्रवाह बंद हो जाता है। जिससे अंगुलियों का रंग काला पड़ जाता है जो गैंगरीन की समस्या का कारण बनता है।
लक्षण : अंग का नीला पडऩा व सुन्न होना मुख्य लक्षण हैं। इसके अलावा हाथ-पैरों की त्वचा के रंग में बदलाव, दर्द, सूजन, जलन व घाव होना जैसी दिक्कतें होती हैं।
कारण : रुमेटिक गठिया, लूपस या एसएलई, धूम्रपान व शराब की लत, स्कलेरोडर्मा, रक्त संबंधी या धमनियों के रोग (वैस्कुलाइटिस) व कैंसर इस बीमारी की वजह हो सकते हैं।
कौन प्रभावित : रेनॉड फिनोमिना पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता है क्योंकि वे पानी से जुड़े कार्य ज्यादा करती हैं।
जांच: मरीज इम्यूनोलॉजिस्ट व रूमेटोलॉजिस्ट से संपर्क करें। वे कारण जानने के लिए खून, नाखून जांच व शारीरिक परीक्षण करते हैं।
अवस्था व इलाज: रोग की दो अवस्थाएं होती हैं।
प्राइमरी- यह 15-30 वर्ष की आयु में होता है। इसमें दवाओं की मदद से परेशानी जल्द ठीक हो जाती है।
सेकंडरी-अन्य रोग जैसे गठिया, रक्तविकार व कैंसर से यह परेशानी जन्म लेती है। यह अधिक तीव्र प्रवृत्ति की होती है जिसमें दर्द के साथ अंग को नुकसान ज्यादा होता है। इसमें सबसे पहले अन्य रोगों को ठीक करते हैं, लेकिन यदि स्थिति गंभीर हो जाए तो अंगुली काटनी पड़ती है या नसों को सुन्न कर दिया जाता है।
ध्यान रखें- शरीर को गर्म कपड़ों से अच्छे से ढककर रखें। धूम्रपान व तंबाकू से दूरी बनाएं। नियमित व्यायाम करें। अटैक आने पर अंगुलियों की मालिश करें व गुनगुने पानी में हाथ डालें।
डॉ. भारत सिंह, गठिया एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ
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