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बच्चों में बढ़ रही है कब्ज की परेशानी

locationजयपुरPublished: May 29, 2019 11:09:08 am

Submitted by:

Jitendra Rangey

फास्ट-फूड से लगाव, शारीरिक गतिविधियों से दूरी और बढ़ता इनडोर गेम्स का क्रेज बच्चों को कई बीमारी दे रहा है। इसमें से एक है कब्ज की समस्या। एक अध्ययन के अनुसार डॉक्टर के पास आने वाले कुल बच्चों के मामलों में से 20-25 प्रतिशत बच्चे कब्ज से पीड़ि़त होते हैं।

constipation

constipation in children

लक्षण : पेट साफ न होना
अगर कोई बच्चा दिनभर में एक बार भी स्टूल पास न करे या एक बार जाए लेकिन वो बहुत सख्त हो और बच्चे को स्टूल पास करने के दौरान काफी परेशानी हो तो उसे कब्ज की शिकायत हो सकती है।
सामान्यत: इस रोग के दो कारण होते हैं-
1. नॉन ऑर्गेनिक : 90 प्रतिशत कब्ज से पीडि़त मरीजों में यह कारण होता है। इसमें बिगड़ी लाइफस्टाइल और खानपान में लापरवाही जैसी आदतें शामिल होती हैं।
2. ऑर्गेनिक : यह कारण 10 प्रतिशत मामलों में देखा जाता है। इसमें किसी शारीरिक या पैथोलॉजिकल परेशानी जैसे – सीलियक डिजीज, थायरॉइड हार्मोन की कमी आदि के कारण बनने वाला मल सख्त होता जाता है जिस वजह से स्टूल पास करने के दौरान मल के रास्ते में कट लग जाता है और बच्चे को काफी दर्द होता है। ऐसे में बार-बार स्टूल पास करने के दौरान होने वाले अधिक दर्द से वह डरने लगता है और उसमें मल को रोकने की प्रवृत्ति पैदा हो जाती है। इस सख्त मल की वजह से ये दिक्कत धीरे-धीरे बढऩे लगती है जो आगे चलकर गंभीर रोग का कारण भी बनती है। ऐसे में पैरेंट्स को बच्चों की खानपान से जुड़ी आदतों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
कारण : जंकफूड-मैदा उत्पाद
मैदा के बने हुऐ जंकफूड जैसे – मैगी, पास्ता, ब्रेड, बर्गर, पिज्जा, नूडल्स, पावभाजी के अलावा कोल्डड्रिंक, चॉकलेट को बच्चे आजकल अधिक खाते हैं। यह रोग होने का बड़ा कारण है। हरी सब्जियों और फलों से दूरी बनाना। आउटडोर खेलों से दूरी बनाने से शारीरिक गतिविधि कम होती है। इससे बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी असर पड़ता है। माता-पिता रात में देर तक जागते हैं और देर से उठते हैं। बच्चे भी ऐसा करने लगते हैं जिससे खाना न पचने की समस्या के कारण पेट से जुड़ी दिक्कतें बढ़ती हैं।
ध्यान रखें
कब्ज के इलाज में दवा से कहीं अधिक खान-पान और दिनचर्या के अलावा शारीरिक गतिविधियां भी जरूरी हैं।
कब्ज जितना पुराना होगा, उतना ही अधिक समय इसे ठीक होने में लगेगा। कई बार पुराना कब्ज ठीक होने में 2 से 6 महीने तक लग जाते हैं।
कब्ज से बचाव के लिए
अधिक से अधिक हरी-पत्तेदार सब्जियां और फलों को डाइट का हिस्सा बनाएं। मौसमी सब्जियों का सलाद खाएं। बच्चों को जंकफूड व मैदा उत्पाद से दूर रखें। दूध की मात्रा को कम करके अन्य ठोस चीजें व सलाद खिलाएं (दस वर्ष की उम्र के बच्चे के लिए रोजाना 400-600 एमएल दूध पर्याप्त है)। चावल बच्चों को अधिक न खिलाएं। कोल्ड ड्रिंक, चॉकलेट कम खाएं व खिलाएं। आटे को छानते समय जो चोकर निकलता है उसे थोड़ी मात्रा में आटे में फिर से मिला दें या मोटा आटा अधिक काम में लेंं। अंकुरित बीज डाइट में शामिल करें।
बच्चे को आउटडोर गेम खेलने के लिए प्रेरित करें। बच्चे को सुबह टहलाने साथ लेकर जाएं। साथ में एक बड़ी बोतल पानी भी रखें। इस दौरान बच्चे को डिहाइड्रेशन की समस्या से बचाने के लिए बीच-बीच में पानी पिलाते रहें।
डॉ. नटवर परवाल, पीडियाट्रिक गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट एवं हिपेटोलॉजिस्ट
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