scriptथायरॉयड हार्मोन के असंतुलन से होती है ये बीमारियां  | These diseases are caused by the imbalance of thyroid hormone | Patrika News

थायरॉयड हार्मोन के असंतुलन से होती है ये बीमारियां 

Published: Jul 15, 2017 05:41:00 pm

थायरॉयड ग्रंथि से स्त्रावित होने वाले थायरॉयड हार्मोन को पिट्यूट्री गं्रथि से स्त्रावित होने वाला थायरॉयड स्टीमुलेटिंग हार्मोन (टीएसएच) प्रभावित करता है। टीएसएच टैस्ट थायरॉयड हार्मोंस की अनियमितता पता लगाने के लिए एक स्क्रीनिंग टैस्ट के रूप में किया जाता है। 

Thyroid

Thyroid

हमारी गर्दन में थायरॉयड नाम की ग्रंथि होती है जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित कर थायरॉयड हार्मोंस स्त्रावित करती है। इस ग्रंथि के ज्यादा सक्रिय होने पर जब हार्मोन्स अधिक स्त्रावित होते हैं तो उस स्थिति को हायपर थायरॉडिज्म कहते हैं और कम होने पर हायपो थायरॉडिज्म की शिकायत होती है। थायरॉयड ग्रंथि से स्त्रावित होने वाले थायरॉयड हार्मोन को पिट्यूट्री गं्रथि से स्त्रावित होने वाला थायरॉयड स्टीमुलेटिंग हार्मोन (टीएसएच) प्रभावित करता है। टीएसएच टैस्ट थायरॉयड हार्मोंस की अनियमितता पता लगाने के लिए एक स्क्रीनिंग टैस्ट के रूप में किया जाता है। 

ये है मानक: सामान्य व्यक्ति के ब्लड में थायरॉयड स्टीमुलेटिंग हार्मोन का स्तर 0.4-5.5 व बच्चों में (6-15 वर्ष) 0.5-6 माइक्रो यूनिट/एमएल होता है। इस मानक से कम होने पर हायपर और अधिक होने पर हायपो थायरॉडिज्म की स्थिति बनने लगती है।

ये है लक्षण
हायपर थायरॉडिज्म: गर्मी अधिक लगना, तनाव, घबराहट, हृदय की धड़कनों का बढऩा, वजन कम होना, डायरिया, अनिद्रा, महिलाओं में माहवारी सामान्य से कम होना।
हायपो थायरॉडिज्म : वजन बढऩा, ठंड लगना, कब्ज, शरीर में फुर्ती कम होना, काम में मन न लगना, सामान्य से अधिक माहवारी। इन लक्षणों के आधार पर विशेषज्ञ टैस्ट कराने की सलाह देते हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो