करें घरेलू उपचार –
अदरक की चाय, आधा चम्मच अदरक का रस शहद के साथ लेने, मुलैठी चूसने, गर्म पानी के गरारे करने से खांसी में आराम मिलता है।
लें आयुर्वेद का सहारा –
खांसी होने पर सितोपलादि चूर्ण का नाम सबसे पहले लिया जाता है। खांसी के साथ अगर बलगम भी आए तो महालक्ष्मीविलास रस की एक-एक गोली, कठफलादि चूर्ण या तालीसादि चूर्ण आधा चम्मच पानी के साथ दो बार लेने से भी फायदा होता है।
होम्योपैथी में उपचार –
होम्योपैथी विशेषज्ञ के अनुसार सूखी खांसी हो तो ब्रायोनिया अलबम-30, स्पॉन्जिया-30, एकोनाइट-30, बैलाडोना-30 जैसी दवाइयां कारगर हैं। वहीं बलगम वाली खांसी में हीपरसेल्फ-30, एंटिमटार्ट-30, आईपीकॉक-30 व फॉस्फोरस-30 लेने से मरीज को आराम मिलता है। जुकाम व बुखार के साथ होने वाली खांसी के लिए एलियम सीपा-30, फेरमफॉस-30 तथा बड़ी उम्र के लोगों में होने वाली काली खांसी के लिए ड्रॉसेरा-30, नक्सवोमिका-30 और स्टिक्टा-30 की सलाह दी जाती है। लेकिन इन दवाओं का प्रयोग डॉक्टरी सलाह से ही करें।
कफ : नेचुरोपैथी विशेषज्ञ के अनुसार कफ के लिए कुंजल कराया जाता है, जिसमें कागासन की मुद्रा में बैठकर नींबू, नमक मिला चार गिलास हल्का गुनगुना पानी पीते हैं। फिर 90 डिग्री की मुद्रा में खड़े होकर बाएं हाथ से नाभि को हल्का दबाते हैं और दाएं हाथ के अंगूठे की बगलवाली दो अंगुलियों को मुंह में डालकर उल्टी करके सारा पानी बाहर निकाल देते हैं। इसके बाद कपालभाति कराई जाती है, जिससे पानी पूरी तरह शरीर से बाहर निकल जाए।
सिरदर्द में : देसी घी को गुनगुना कर इसकी दो-दो बूंद सुबह-शाम नाक में डालने से सिरदर्द में आराम मिलता है।
बार-बार सर्दी-जुकाम होने पर 100 ग्राम सरसों के तेल में 2 लहसुन की कलियां पका लें। फिर तेल को ठंडा करके छान लें। इस तेल की दो-दो बूंद सुबह-शाम नाक में डालें, जल्द आराम मिलेगा।
अस्थमा : रोगियों को दिन में एक बार गर्म पानी में पैर रखने चाहिए और गुनगुने पानी से स्नान करना चाहिए।