लक्षण :
इसमें कान में भारीपन, दर्द व खुजली के साथ रिसाव होने लगता है। कई बार व्यक्तिको कान बंद होने का अहसास भी होता है। स्थिति गंभीर होने पर कान के पर्दे में छेद भी हो सकता है।
इसमें कान में भारीपन, दर्द व खुजली के साथ रिसाव होने लगता है। कई बार व्यक्तिको कान बंद होने का अहसास भी होता है। स्थिति गंभीर होने पर कान के पर्दे में छेद भी हो सकता है।
इलाज :
इस रोग में विशेषज्ञ से संपर्क करना जरूरी होता है क्योंकि वे कान की सफाई कर फंगल को बाहर निकालते हैं और जरूरत पड़ने पर एंटीफंगल ईयर ड्रॉप व मलहम का प्रयोग भी करते हैं।
इस रोग में विशेषज्ञ से संपर्क करना जरूरी होता है क्योंकि वे कान की सफाई कर फंगल को बाहर निकालते हैं और जरूरत पड़ने पर एंटीफंगल ईयर ड्रॉप व मलहम का प्रयोग भी करते हैं।
ध्यान रखें :
खुजली या कोई तकलीफ होने पर तीली या ईयरबड का प्रयोग न करें। तेल या लहसुन का रस न डालें इससे संक्रमण बढ़ सकता है। जिन्हें कान बहने की समस्या हो वे नहाते समय ध्यान रखें कि कान में पानी न जाए।
खुजली या कोई तकलीफ होने पर तीली या ईयरबड का प्रयोग न करें। तेल या लहसुन का रस न डालें इससे संक्रमण बढ़ सकता है। जिन्हें कान बहने की समस्या हो वे नहाते समय ध्यान रखें कि कान में पानी न जाए।