scriptडायबिटीज के संकेतों को समझें, जानें ये खास बातें  | Understand the signs of diabetes | Patrika News

डायबिटीज के संकेतों को समझें, जानें ये खास बातें 

Published: Jul 04, 2017 07:26:00 pm

हर उम्र के लोगों को डायबिटीज तेजी से अपनी चपेट में ले रही है। भारत को अब डायबिटीज की राजधानी कहा जाने लगा है।

Diabetes, diabetes in youngsters, diabetes control

Diabetes, diabetes in youngsters, diabetes control, health tips, how to control diabetes, health news, health story,

हर उम्र के लोगों को डायबिटीज तेजी से अपनी चपेट में ले रही है। भारत को अब डायबिटीज की राजधानी कहा जाने लगा है।

बड़े पैमाने पर लोग इसके शिकार क्यों हो रहे हैं?
विश्वस्वास्थ्य संगठन ने डायबिटीज को ग्लोबल एपिडेमिक की संज्ञा दी है। दुनियाभर में 34 करोड़ 10 लाख लोग इस रोग से पीडि़त हैं। गैजेट्स के बढ़ते चलन ने लोगों को आरामतलब बना दिया है जिससे शारीरिक सक्रियता कम हुई है यह डायबिटीज का एक बड़ा रिस्क फैक्टर है। इसके अलावा जंकफूड का बढ़ता प्रयोग व एक्सरसाइज की कमी ने लोगों में मोटापा बढ़ा दिया है जो इसका दूसरा बड़ा रिस्क फैक्टर है। आधुनिक जीवनशैली ने तनाव व अनिद्रा की समस्या को बढ़ाकर लोगों को इस रोग का शिकार बना दिया है।

भारत में यह रोग तेजी से क्यों बढ़ रहा है?
भारतीयों की आनुवांशिक रूप से डायबिटीज की चपेट में आने की आशंका अधिक रहती है। दुनिया में सबसे ज्यादा डायबिटीज के रोगी चीन में हैं। भारत दूसरे स्थान पर है लेकिन हमारे देश में जिस तेजी से डायबिटीज के रोगियों की संख्या बढ़ रही है उसे देखते हुए इसे दुनिया की डायबिटीज कैपिटल कहा जा रहा है। भारत में बड़ी संख्या में लोगों के डायबिटीज की चपेट में आने का कारण मोटापा, तनाव, अनिद्रा, एक्सरसाइज न करना और फास्ट फूड का बढ़ता चलन है। 

युवा इसके शिकार क्यों हो रहे हैं?
अभी कुछ साल पहले तक यह बीमारी सिर्फ वयस्कों में देखी जाती थी लेकिन डायबिटीज रिसर्च सेंटर के अनुसार पिछले पांच वर्षों में 16-25 आयु वर्ग के लोगों में यह रोग तेजी से फैला है। इसका सबसे बड़ा कारण मोटापा है। आधुनिक जीवनशैली के कारण युवाओं के जीवन में तनाव का स्तर बढ़ा है। ऐसे में उनकी खानपान की आदतें भी बदल गई हैं। जंकफूड में मौजूद अधिक नमक और चीनी शरीर के अंगों पर असर डालते हैं जिन्होंने युवाओं को कई बीमारियों का आसान शिकार बना दिया है जिसमें से डायबिटीज एक है।

ज्यादा शिकार कौन? 
वैसे तो इसे बताने के लिए कोई स्पष्ट आंकड़े नहीं हैं लेकिन यह किसी को भी हो सकता है। जो महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से पीडि़त हैं या जो बड़ी उम्र में मां बनती हैं उनमें भी इस रोग के चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है। थायरॉइड भी इसका एक बड़ा कारण माना जाता है और इस रोग की चपेट में महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक आती हैं।

डायबिटीज के साथ सामान्य जीवन बिता सकते हैं? 
नियंत्रित खानपान, एक्सरसाइज करना व उचित दवा लेने से डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है। नए दिशा-निर्देर्शों के अनुसार सभी मरीज जिन्हें डायबिटीज है उन्हें अपना ब्लड प्रेशर 120/80 से कम रखना चाहिए और खाली पेट रक्त में शुगर की मात्रा 90 मिलीग्राम से कम होना चाहिए। महिलाएं अपनी कमर का घेरा 32 इंच से कम और पुरुष 35 इंच से कम रखें। 

किस तरह के लक्षणों से हमें सतर्क हो जाना चाहिए? 
डायबिटीज के शुरुआती लक्षण दिखाने वाली अवस्था को प्री-डायबिटिक पीरियड कहते हैं। एप्पल शेप बॉडी, बाल गिरना, त्वचा पर धब्बे या कालापन, मुंहासे, अनियंत्रित रक्तचाप, वजन कम या अधिक होना, भूख कम या अधिक लगना, मासिक चक्र में परिवर्तन आदि कुछ ऐसे लक्षण हैं, जो बताते हैं कि आप डायबिटीज की ओर बढ़ रहे हैं। इसके अलावा अधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, तेजी से वजन घटना, अधिक भूख लगना, चिड़चिड़ापन, खुजली, हाथ-पैरों में झुनझुनी या अकडऩ, जख्म का ठीक न होना, थकान महसूस करना आदि इसके प्रमुख लक्षण के रूप में सामने आ सकते हैं।
डायबिटीज को कैसे समझा जाए?
डायबिटीज तब होती है जब अग्नाशय (पेनक्रियाज) पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता या जब शरीर प्रभावकारी तरीके से अपने द्वारा स्त्रावित इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाता। इंसुलिन एक हार्मोन है जो रक्तकी शर्करा को नियंत्रित रखता है। अनियंत्रित डायबिटीज के कारण रक्तमें शर्करा का स्तर काफी बढ़ जाता है। डायबिटीज मुख्यत: तीन प्रकार की होती है। टाइप-1 डायबिटीज, टाइप-2 डायबिटीज और जेस्टेशनल डायबिटीज।

छुटकारा पाना संभव नहीं है?
डायबिटीज जीवनशैली से जुड़ी एक लाइलाज बीमारी है। आप केवल अपने रक्तमें शुगर के स्तर को कम करने वाली गतिविधियां कर सकते हैं। खानपान को नियंत्रित कर, नियमित रूप से एक्सरसाइज और उचित दवाएं लेकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। आप जितना वजन कम करेंगे उतना ही रक्त में शुगर के स्तर में सुधार होगा और डायबिटीज कंट्रोल होगी।

खानपान की अहमियत है?
डायबिटीज को नियंत्रित करने में खानपान प्रमुख भूमिका निभाता है। मीठी, तली-भुनी चीजें, डेयरी उत्पाद, चाय-कॉफी, तंबाकू, शराब, अधिक कार्बोहाइड्रेट वाले पदार्थ जैसे आलू, गाजर, चावल, केला व ब्रेड से परहेज करें। भोजन में फाइबर की मात्रा बढ़ाने से ब्लड शुगर नियंत्रित होगी। खाने में फायबर युक्तफल, सब्जियां, फलियां, साबुत अनाज, सूखे मेवे और बीज शामिल करें।

सही खानपान से कंट्रोल होगी शुगर
टाइप-2 डायबिटीज का मुख्य कारण खराब जीवनशैली है। वे महिलाएं जिन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज हुई हो उन्हें भविष्य में इसका खतरा बना रहता है। लापरवाही से यह बीमारी स्नायु तंत्र, आंखें, दिमाग, किडनी व हृदय संबंधी रोगों की वजह बन सकती है। मरीज रोजमर्रा की आदतों में बदलाव कर बीमारी को आगे बढऩे से रोक सकता है। 

खाने के नियम तय करें: मधुमेह के रोगियों को कभी भी किसी भी समय का भोजन टालना नहीं करना चाहिए। सामान्य रूप से प्रत्येक व्यक्ति को दिन में 3-4 बार भोजन करना चाहिए ताकि शुगर लेवल कंट्रोल रहे। इसमें किसी तरह की लापरवाही न करें। सुबह का नाश्ता सूर्योदय के बाद जल्दी से जल्दी करना अच्छा होता है। खिचड़ी, दलिया, अंकुरित अनाज, दूध व फल आदि को नाश्ते में ले सकते हैं। वहीं दोपहर व रात के खाने को भी जितनी जल्दी संभव हो खा लें। इससे खाना आसानी से पच जाता है व मोटापे से बचाव होता है। दोपहर के खाने में सलाद व दही शामिल करें। डिनर में लौकी, तुरई, मूंग की दाल जैसी हल्की व सुपाच्य चीजें लें। तलेभुने व मसालेदार खाने से परहेज करें। कोल्ड ड्रिंक आदि की बजाय नारियल पानी, छाछ, दूध आदि लें। घी, मक्खन, मावा, पनीर व अधिक मीठी चीजें न खाएं। 

व्यायाम: शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए रोजाना कम से कम एक घंंटा एक्सरसाइज करें। एरोबिक्स, ब्रिस्क वॉक, जॉगिंग व साइक्लिंग से कैलोरी बर्न होती है। बुजुर्ग लोग या जिन्हें जोड़ों में दर्द की समस्या है, वे एक घंटे टहलें। योग व मेडिटेशन से चिंता व तनाव दूर करें।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो