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वेव थैरेपी : जड़ी-बूटियों के अर्क से होता है इन रोगों का इलाज

locationजयपुरPublished: Jun 18, 2019 01:15:30 pm

Submitted by:

Jitendra Rangey

तंत्रिका तंत्र से जुड़े रोगों का इलाज वेव थैरेपी की मदद से भी संभव है। यह नेचुरोपैथी का हिस्सा है। क्षतिग्रस्त नव्र्स (तंत्रिका) को पुनर्जीवित व धमनियों को सक्रिय कर इलाज करना इस पद्धति का आधार है। जानिए इस थैरेपी के बारे में।

Naturopathy treatment

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कई रोगों का होता इलाज
वेव थैरेपी के जरिए सेंसिटिविटी, पैरालिसिस, किडनी, लिवर, जोड़ों का दर्द, डायबिटीज और पार्किंसन डिजीज समेत मस्तिष्क रोगों का इलाज किया जा सकता है।
क्या है थैरेपी
इसमें एक प्रकार के उपकरण का प्रयोग किया जाता है। जिसमेंं ग्रीन ग्रास व अन्य कई जड़ी-बूटियों का अर्क रहता है। समस्या से जुड़े प्रभावित स्थान पर दबाव बनाते हुए इसे रखते हैं। यह अर्क रोमछिद्रों के माध्यम से शरीर मेंं जाता है और इससे निकलने वाली वाली प्राकृतिक ऊर्जा से क्षतिग्रस्त या मृत नर्व कोशिकाओं को पुनर्जीवित किया जाता है। यह ऊर्जा दिमाग व तंत्रिका तंत्र को सक्रिय कर रक्त संचार को सुचारू रखती है।
दूसरी पद्धति संग मेल
ऐसे मरीज जिनका इलाज पहले से किसी पद्धति में चल रहा है उनकी अचानक दवाइयां बंद नहीं की जाती हैं। इसे धीरे-धीरे कम करते हुए थैरेपी दी जाती है। इसकी एक सिटिंग का खर्च 1100-1400 रुपए तक आता है।
ऐसे होता असर
यह थैरेपी 15-20 मिनट और कोमा व कैंसर के मरीजों को 45 मिनट तक दी जाती है। बीमारी की गंभीरता के आधार पर इसकी अवधि बदलती है। इसका मुख्य कार्य धमनियों और नर्व को सक्रिय कर मस्तिष्क तक संदेश पहुंचाने का कार्य आसान बनाना है। ताकि शरीर के अन्य अंग बेहतर कार्य कर सकें। बच्चों से लेकर 80 साल के बुजुर्ग तक इसका लाभ ले सकते हैं।
सावधानी बरतना है जरूरी
थैरेपी से पहले कुछ चीजों से परहेज कराते हैं जैसे तेल, घी, डिब्बा बंद फूड ताकि मरीज को इसके बेहतर परिणाम मिलें। गंभीर रोगों से पीड़ि़त मरीजों को अधिक चलने-फिरने, व्यायाम की मनाही होती है। इस दौरान कोई भी ऑइंटमेंट या दवा लेने की मनाही होती है क्योंकि ये जड़ी-बूटी के प्राकृतिक असर को कम करते हैं।
डॉ. एसके पाठक, नेचुरोपैथी विशेषज्ञ

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