पुरुषों की तुलना में महिलाएं कोरोनरी हार्ट डिजीज (सीएचडी), कोरोनरी माइक्रो वैस्क्यूलर डिजीज (सीएमवीडी) और ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम (बीएचएस) का अधिक शिकार हो रही हैं। घर व ऑफिस के बीच तालमेल बिठाने में पनपा तनाव इसका प्रमुख कारण है। जानते हैं इनके बारे में।
सीएचडी : इसमें कोरोनरी धमनी की अंदरूनी दीवार में प्लाक (कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम, वसा व अन्य कारकों से बनी परत) जमा हो जाती है। इससे हृदय में ऑक्सीजनयुक्तरक्त पहुंचने में बाधा आने लगती है। लिहाजा हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन जीवनशैली में सुधार से इस रोग के खतरे को कम किया जा सकता है।
सीएमवीडी : हृदय की छोटी धमनियों की दीवारें क्षतिग्रस्त होने से ऐसा होता है। हालांकि पिछले 30 वर्षों में इसकी मृत्यु दर में कमी आई है।
बीएचएस : इसमें मानसिक तनाव के कारण हृदय की मांसपेशियां काम करना बंद कर देती हैं। इसके लक्षण व जांच की रिपोर्ट हार्ट अटैक जैसी होने से कई बार डॉक्टर इन दोनों में फर्क नहीं कर पाते। फिलहाल इसके इलाज पर शोध जारी है।