ब्लड डोनेशन से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है?
रोगप्रतिरोधक तंत्र पर रक्तदान का कोई असर नहीं होता है बल्कि लाल रक्त कोशिकाएं कुछ ही दिनों में सामान्य हो जाती हैं। हालांकि सफेद रक्त कोशिकाओं को सामान्य होने में कुछ सप्ताह लगते हैं। हालांकि जब शरीर को इनकी जरूरत होती है तो तत्काल इनका निर्माण भी हो जाता है।
ब्लड डोनेशन के बाद उल्टी- सिरदर्द होने लगते हैं?
अगर ब्लड डोनर का ब्लड प्रेशर सामान्य है तो ऐसी कोई समस्या नहीं हो सकती है। इसलिए रक्तदान से पहले ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की जांच जरूर करवानी चाहिए।
डायबिटीज के पेशेंट जो इंसुलिन लेते हों उन्हें रक्तदान नहीं करना चाहिए। एसपिरिन, एंटीबायोटिक, एंटी-हाइपरटेंसिव, स्टेरॉयड्स, हॉर्मोन्स, इन्हेल्र्स आदि का नियमित सेवन करने वालों को भी रक्तदान नहीं करना चाहिए।
रक्तदान के बाद आराम जरूरी है?
रक्तदान के बाद डेली रूटीन का कार्य आसानी से किया जा सकता है लेकिन ज्यादा तेज धूप में जाने से बचना चाहिए। रक्तदान के 2-3 घंटे बाद ही गाड़ी चलानी चाहिए। 10-12 ग्लास पानी और जूस पीना चाहिए।
नियमित ब्लड डोनेशन से मोटापा कम –
रक्तदान से वजन पर असर नहीं पड़ता है। कुछ लोग ब्लड डोनेशन के बाद कमजोरी से बचने के लिए एक्सरसाइज से दूरी बनाने के साथ ही जरूरत से ज्यादा खाने लगते हैं। ऐसे में उनका वजन बढ़ने लगता है लेकिन रक्तदान के साथ वेट बढ़ने का कोई संबंध नहीं होता है। हैल्दी लाइफस्टाइल, नियमित एक्सरसाइज और विटामिन ए, बी युक्त बैलेंस्ड डाइट लेते रहने के साथ व्यक्ति यदि नियमित तौर पर रक्तदान करता रहे, तो उसकी स्ट्रेंथ में इजाफा होता है।
धूम्रपान करने वाले रक्तदान नहीं कर सकते ?
रक्तदान से तीन घंटे पहले और बाद में धूम्रपान नहीं करें। अल्कोहल के सेवन में भी 24 घंटे का अंतराल रखें। रक्तदान के लिए 17 साल उम्र व वजन कम से कम 50किलो होना जरूरी है।
महिलाएं रक्तदान ना करें?
महिलाओं में अक्सर हीमोग्लोबिन की मात्रा कम होती है, जिनमें हीमोग्लोबिन की मात्रा अच्छी है वे रक्तदान कर सकती हैं। गर्भवती या स्तनपान कराने वाली, खून की कमी या अन्य बीमारी से ग्रस्त महिलाएं रक्तदान नहीं करें।