scriptहजारों KM स्कूटी चलाकर गर्भवती पत्नी को पेपर दिलाने पहुंचा, कईं समस्याओं का करना पड़ा सामना, पढिएं मांझी की कहानी… | Dhananjay Majhi Travelled Godda To Gwalior By Scooter For Wife's Paper | Patrika News

हजारों KM स्कूटी चलाकर गर्भवती पत्नी को पेपर दिलाने पहुंचा, कईं समस्याओं का करना पड़ा सामना, पढिएं मांझी की कहानी…

locationदुमकाPublished: Sep 03, 2020 09:22:59 pm

Submitted by:

Prateek

8वीं पास पति ने अपनी पत्नी को टीचर बनाने के लिए ‘सात समंदर पार करने’ जैसी मेहनत कर परीक्षा दिलवाई (Dhananjay Majhi Travelled Godda To Gwalior By Scooter For Wife’s Paper) (Jharkhand News) (Dumka News) (Godda News)…

हजारों KM स्कूटी चलाकर गर्भवती पत्नी को पेपर दिलाने पहुंचा, कईं समस्याओं का करना पड़ा सामना, ​पढिएं मांझी की कहानी...

हजारों KM स्कूटी चलाकर गर्भवती पत्नी को पेपर दिलाने पहुंचा, कईं समस्याओं का करना पड़ा सामना, ​पढिएं मांझी की कहानी…

(गोड्डा,दुमका): पति पत्नी का रिश्ता बड़ा अनमोल है। अगर दोनों में तालमेल बिल्कुल ठीक है तो एक दूसरे की खुशियों और सफलता के लिए हर मुसीबत उठाने को तैयार है। यहां भी ऐसा ही हुआ। 8वीं पास पति ने अपनी पत्नी को टीचर बनाने के लिए ‘सात समंदर पार करने’ जैसी मेहनत कर परीक्षा दिलवाई। हर कोई इस मामले के बारे में सुनकर पति—पत्नी के प्रेम की प्रशंसा करते नहीं थक रहा है।

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यह कहानी है झारखंड के गोड्डा जिला निवासी धनंजय मांझी की है। दरअसल मांझी की गर्भवती पत्नी सोनी हेम्बरम को डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) द्वितीय वर्ष की परीक्षा देनी थी। धनंजय स्कूटी चलाकर अपनी पत्नी को गांव से 1300 किलोमीटर दूर मध्यप्रदेश के ग्वालियर में परीक्षा दिलाने पहुंचे। यह सफर तय करने में उन्हें तीन दिन लगे।

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धनंजय झारखंड के गोड्डा जिले के गांव गन्टा टोला निवासी है। इस गांव से बांग्लादेश बॉर्डर महज 150 किलोमीटर की दूरी पर है। धनंजय कैंटीन में खाना बनाने का काम करते थे, लॉकडाउन के बाद से उनके हाथ में कोई काम नहीं है। 8वीं पास धनंजय का सपना है कि उनकी पत्नी टीचर जरूर बने। इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने हर समस्या उठाकर भी पत्नी को पेपर दिलाने की ठानी। इसके लिए उन्हें कईं समस्याओं का सामना करना पडा।

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बेरोजगारी झेल रहे मांझी के पास स्कूटी में पेट्रोल डलाने के लिए पैसे भी नहीं थे। इस पर उन्होंने पत्नी के जेवर 10,000 रुपए में गिरवी रखे। स्कूटी से वह घर से निकले रास्ते में पहाड़, बारिश और बाढ़ का भी सामना करना पड़ा। सभी मुसीबतों को झेलते हुए वह झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश को पार कर ग्वालियर तक पहुंचे। 2019 में धनंजय और सोनी की शादी हुई थी। 7 महीने की गर्भवती सोनी खुद एक बार हिम्मत हार गई थीं। उनका कहना है कि पति के जज्बे से उन्हें भी हिम्मत मिली। धनंजय खुद भी दशरथ मांझी से प्रेरित है और पहाड़ जैसी हर समस्या को तोड़कर रास्ता निकालने का हुनर रखते है यह बात उन्होंने साबित कर दी है।

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