दुमका

इनामी नक्सली ने डीआईजी के समक्ष किया सरेंडर, एक लाख का चेंक सौंपा गया

इस अवसर पर डीआईजी राज कुमार लकड़ा ने कहा कि राज्य सरकार की आत्मसर्पण नीति अन्य राज्यों से बेहतर है…

दुमकाJan 24, 2019 / 08:27 pm

Prateek

naxali

(दुमका): दुमका समाहरणालय सभागार में गुरुवार को प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा-माओवादी एक लाख रुपये के इनामी नक्सली महाशय बास्की उर्फ महाशय सोरेन ने डीआईजी के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इस मौके पर उपायुक्त मुकेश कुमार, पुलिस अधीक्षक वाई एस रेमश समेत अन्य वरीय पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। डीआईजी राज कुमार लकडा ने सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत 1 लाख रुपये नकद राशि महाशय बास्की को दी।


इस अवसर पर डीआईजी राज कुमार लकड़ा ने कहा कि राज्य सरकार की आत्मसर्पण नीति अन्य राज्यों से बेहतर है। जिस कारण से उग्रवादियों द्वारा भोले भाले ग्रामीणों को बहाला फुसला कर अपने संगठन में शामिल कर लिया जाता है। उससे निकलने के लिए झारखंड सरकार की आत्मसर्पण निति मील का पत्थर साबित हो रही है।


उन्होंने कहा कि भटके हुए ग्रामीण मुख्य धारा में वापस आकर राज्य की विकास कार्यों में अपना योगदान दें। अपना और राज्य का भला सोचे। चरणपंथ से भलाई नही होने वाली है। उन्होंने कहा कि अगर कोई यह सोचता है कि बंदूक के दम पर कोई गैर कानूनी कार्य कर लेगा तो यह अब संभव नही है।


उपायुक्त मुकेश कुमार ने राज्य सरकार की आत्पसमर्पण नीति के तहत इन्हें कई लाभ दिये जायेंगे। कौशल विकाश के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन्हें चिकित्सा सुविधा दी जायेगी। निःशुल्क चिकित्सा की व्यवस्था आत्मसमर्पित नक्सली के परिवार के लिए भी किये जाने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के लिए भी इन्हें लाभ दिये जायेगे।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.