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पत्ते चुनने वाले आदिवासियों को यूं मिलेगी बड़ी आर्थिक मदद

locationदुमकाPublished: May 01, 2020 03:21:23 pm

Submitted by:

Prateek

Jharkhand News: जनजातीय परिवारों को आर्थिक मदद के लिए अधिक मूल्य पर पत्ते ख़रीद पत्तल प्लेट्स बना रहा है जिला प्रशासन (Special Policy For Tribes In Dumka)…
 

पत्ते चुनने वाले आदिवासियों को यूं मिलेगी बड़ी आर्थिक मदद

पत्ते चुनने वाले आदिवासियों को यूं मिलेगी बड़ी आर्थिक मदद

(दुमका): कोरोना वायरस से निपटने के लिए संताल परगना प्रमंडल के कई जिलों में जिला प्रशासन लॉक डाउन में बंद पड़े काम धंधों के बाद लोगों के लिए रोज़गार की संभावनाएं भी तालाश रहा है।


यहां होगा पत्तलों का उपयोग…

संताल परगना प्रमंडल के साहेबगंज जिले में वैसे पहाड़िया लोग एवं आदिवासियों परिवार हैं जो अपना जीवनयापन पत्ते चुनकर या पत्तल बना कर करते हैं। उन लोगों के लिए जिला प्रशासन ने सकारात्मक सोच के साथ एक नई पहल की है। साहेबगंज के उपायुक्त वरुण रंजन ने बताया कि पत्ते चुन कर अपना पेट भरने वाले आदिवासी लोगों के लिए वन विभाग में पत्तल मशीन लगाई गई है। जिसके द्वारा पत्तल प्लेट बनाया जाएगा,एवं यह प्लेट्स दीदी किचन एवं दाल भात केंद्रों में उपयोग किया जाएगा।


उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन ने इन पत्तों को पहाड़िया तथा आदिवासी लोग जो पत्ते बेच कर भरण पोषण करते हैं और लॉक डाउन में उनके पत्ते के व्यवसाय पर असर पड़ा है से ज़्यादा मूल्य दे कर ख़रीद भी रही है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा इन पत्तों को ज़्यादा कीमत पर खरीदेगा ताकि आदिवासी लोग आर्थिक नुकसान से उबर सकें एवं उनके लिए व्यवसायिक गतिवधियां भी शुरू हो सके।


इसी क्रम में उपायुक्त रंजन ने वैन विभाग का दौरा करते हुए पत्तल मशीन का निरीक्षण भी किया। उन्होंने पत्तल बनाने की प्रक्रिया की जानकरी ली। वन पदाधिकारी विकास पालीवाल ने बताया कि वन विभाग ने वैसे लोगों से पत्ते के खऱीदने का फ़ैसला किया है, जो पत्ते चुन कर अपना पेट भरते हैं। तथा साहिबगंज, झारखंड के अदरो बेड़ो जेएफएमसी सदस्यों द्वारा यह पट्टल प्लेटें बनाई जाएंगी।


यह पत्तियां वन आश्रित समुदायों (यहां ज्यादातर पहाड़िया) से बाजार दर से अधिक दर पर खरीदी जा रहीं हैं और निम्न दर पर प्लेट बनाने के बाद बाजार में बेची जा रहीं हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह से बिचौलियेपन को खत्म करने और आदिवासी समुदाय और बाजार दोनों को लाभ होगा।


इससे आदिवासियों की आय में वृद्धि होगी और पर्यावरण के अनुकूल भी होगा (फेविकोल प्लेट्स के लिए विकल्प)। वन पदाधिकारी पालीवाल ने बताया कि जिला प्रशासन के इस सराहनीय कदम से आदिवासियों के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे तथा रिउब और आदिवासियों का उत्थान भी होगा तथा यह पर्यावरण के अनुकूल भी होगा।

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