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इलेक्शन स्पेशल…अंतिम चरण में सियासत संताल में हुई शिफ्ट, प्रतिष्ठा बचाने व किला ध्वस्त करने की लड़ाई

locationदुमकाPublished: May 15, 2019 05:17:56 pm

संताल परगना शुरू से ही झामुमो का गढ़ रहा है…

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(रांची,दुमका): झारखंड की 11 लोकसभा सीटों पर मतदान संपन्न होने के बाद अब सूबे की सियासत संताल शिफ्ट हो गई है। झारखंड में चौथे व अंतिम चरण में संताल परगना की दुमका, राजमहल और गोड्डा सीट पर होने वाले चुनाव में किला बचाने और किला ढहाने की जंग होगी।


संताल परगना शुरू से ही झामुमो का गढ़ रहा है। झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन संताल परगना के दुमका लोकसभा सीट से 11 बार चुनाव लड़ चुके है और उन्हें आठ बार जीत मिली है, वहीं नौंवी बार वे संसद पहुंचने के लिए मैदान में है। यहां किला फतह करने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। सभी राजनीतिक दलों ने उक्त तीनों सीटों पर जोर लगा रखा है। भाजपा की ओर से नरेन्द्र मोदी ने देवघर में आज सभा को संबोधित किया है, सभा से मोदी ने कांग्रेस व झामुमो समेत पूरे महागठबंधन पर निशाना साधा। वहीं यूपीए महागठबंधन के नेताओं की ओर से राहुल गांधी या प्रियंका गांधी की सभा के लिए केन्द्रीय नेतृत्व को प्रस्ताव भेजा गया है। हालांकि संताल परगना क्षेत्र से कांग्रेस के एक भी प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं है। इस कारण राहुल गांधी या प्रियंका गांधी के आने की संभावना कम ही है, लेकिन महागठबंधन के प्रत्याशी के लिए कांग्रेस पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भाजपा की घेराबंदी करने में जुटे हैं।


संताल परगना प्रमंडल की तीन सीटों में सबसे प्रतिष्ठित सीट दुमका को माना जा रहा है। यहां से झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन फिर से चुनाव मैदान में है। करीब चार दशकों तक जल, जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ने वाले शिबू सोरेन ने को क्षेत्र के लोग गुरुजी के नाम से जानते है। पिछले तीन-चार बार की तरह शिबू सोरेन इस बार भी चुनाव प्रचार के लिए खुद ज्यादा भागदौड़ नहीं कर रहे है, उनकी लड़ाई पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक ही लड़ते है। झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने यहां से भाजपा प्रत्याशी के रूप में दो बार शिबू सोरेन और उनकी पत्नी को हराया था, लेकिन इस बार वे शिबू सोरेन की जीत के लिए पसीना बहा रहे है। वहीं भाजपा ने इस बार शिबू सोरेन के किला को ध्वस्त करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। मुख्यमंत्री रघुवर दास पिछले तीन-चार दिनों से संताल परगना में कैंप कर रहे है और खुद सारी चुनाव तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे है।


राजमहल लोकसभा सीट में झामुमो सांसद विजय हांसदा को इस बार भी भाजपा के हेमलाल मुर्मू से कड़ी टक्कर मिल रही है। लेकिन जनजातीय बहुल राजमहल संसदीय क्षेत्र में झामुमो को अपने परंपरागत मतदाताओं पर इस पर भी पूरा भरोसा है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत अन्य नेताओं ने कई चुनावी सभाओं को संबोधित किया। वहीं झामुमो प्रत्याशी के पक्ष में कांग्रेस और झाविमो ने भी पूरी ताकत लगा दी है। कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम इसी क्षेत्र से आते है, वहीं झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की भी क्षेत्र में अच्छी पकड़ मानी जाती है।


गोड्डा लोकसभा सीट से भाजपा के निशिकांत दूबे और झाविमो विधायक प्रदीप यादव के बीच सीधी टक्कर है। प्रदीप यादव ने गोड्डा में अडाणी पावर प्लांट के खिलाफ आवाज उठायी थी और आंदोलन के कारण उन्हें कई महीनों तक जेल में भी रहना पड़ा था। भाजपा के निशिकांत दूबे लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगाये हुए है।बहरहाल, संताल परगना में मतदाताओं को प्रभावित करने में किसे कामयाबी हासिल होती है, यह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन संताल का किला बचाने और किला ढहाने में कौन सफल होता है,यह देखना दिलचस्प होगा।

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