scriptबेणेश्वर संगम में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां विसर्जित, भाजपा के इस वरिष्ठ कार्यकर्ता ने कराया मुंडन | Atal Bihari Vajpayee Asthi Visarjan in Beneshwar Dham | Patrika News

बेणेश्वर संगम में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां विसर्जित, भाजपा के इस वरिष्ठ कार्यकर्ता ने कराया मुंडन

locationडूंगरपुरPublished: Aug 25, 2018 05:15:41 pm

Submitted by:

dinesh

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Visarjan
डूंगरपुर। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा शनिवार को वागड़ के डूंगरपुर एवं बांसवाड़ा जिले में होते हुई वागड़ प्रयाग बेणेश्वर धाम पहुंची। अस्थियों का कलश विधि-विधान के साथ आबुदर्रा के घाट पर विसर्जित किया गया। अस्थि कलश यात्रा में प्रदेश के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, प्रदेश उपाध्यक्ष चुन्नीलाल गरासिया, राज्यमंत्री सुशील कटारा, सांसद अर्जुनलाल मीणा एवं मानशंकर निनामा, विधायक देवेन्द्र कटारा व अनिता कटारा, जिला प्रमुख माधवलाल वरहात, भाजपा जिलाध्यक्ष वेलजी भाई पाटीदार, पूर्व जिलाध्यक्ष हरीशचन्द्र पाटीदार, महामंत्री सुदर्शन जैन व अशोक पटेल, युवा मोर्चा अध्यक्ष पंकज जैन, मीडिया प्रभारी किरणेश्वर चौबीसा आदि शामिल हुए।
कंसारा ने कराया मुंडन
वाजपेयी के अस्थि विसर्जन के दौरान भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता प्रभुलाल कंसारा काफी भावूक हो गए तथा उन्होंने यहां मुण्डन करा कर श्रद्धाजंलि अर्पित की। गांव-गांव में निकली कलश यात्रा कलश यात्रा उदयपुर से होती हुई करीब साढ़े 12 बजे आसपुर पहुंची। यहां से अस्थि कलश, साबला होते हुए बांसवाड़ा जिले के पालोदा पहुंची। यहां से लोहारिया एवं गनोड़ा होते हुए बेणेश्वर धाम पहुंच।
लोगों ने किए पुष्प अर्पित
कलश यात्रा के गांवों से गुजरने पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए तथा उन्होंने पुष्प अर्पित किए। बड़ी संख्या में लोग एकत्रित बेणेश्वर धाम पर आबुदर्रा घाट के पास ही भाजपा संगठन की ओर से टेंट एवं कुर्सियां लगवाई गई थी। डूंगरपुर एवं बांसवाड़ा दोनों ही जिलों से बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता एवं आमजन एकत्रित हुए।
वागड़ प्रयाग है बेणेश्वर धाम
जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित बेणेश्वर धाम सोम एवं माही नदियों का संगम स्थल है तथा कई पौराणिक शास्त्रों की इसकी महिमा का गान किया है। स्कंद पुराण में बेणेश्वर धाम को तीर्थराज की उपमा दी है। साथ ही भीम के पौत्र एवं घटोत्कच के पुत्र बर्बरिक के यहां तपस्या करने का भी उल्लेख है। स्वयं शनि देव एवं नारद मुनि ने भी यहां की उपासना करने पर अनंत फल प्राप्ति की बात कही है।
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