नवम्बर से भुगतान नहीं जिले में शौचालय निर्माण की राशि का भुगतान नवम्बर माह से हो ही नहीं रहा है। पोर्टल पर 24 नवम्बर तक ऑनलाइन भुगतान की सीडिंग भेजने पर तत्काल भुगतान हो रहा था। पर, इसके बाद इस पोर्टल ने कार्य करना बंद कर दिया है। इन दो माह में करीब दस हजार परिवारों की सीडिंग भी ऑनलाइन हो चुकी है। पर, पोर्टल बंद होने से भुगतान ही नहीं हो रहा है। पोर्टल बंद होने के बारे में बताया जा रहा है कि केन्द्र सरकार से बंद है।
ऑनलाइन में भी गति धीमी जिले में ऑन सीडिंग का कार्य भी बेहद धीमा है। जिले भर में औसतन सौ से ज्यादा शौचालयों की सीडिंग ही नहीं हो पा रही है। ग्राम पंचायत से सचिव शौचालय के फोटो सहित सभी आवश्यक जानकारी और दस्तावेज पंचायत समिति पहुंचाता है और यहां कम्प्यूटर के जरिए इसकी सीडिंग की जाती है। ऐसे में एक दिन में एक पंचायत समिति में दस-बीस से ज्यादा की सीडिंग ही नहीं हो पाती है। ग्रामीण क्षेत्र में नेट और बिजली की समस्या से यह कार्य बाधित हो रहा है।
आधे-अधूरे है शौचालय जिले को ओडीएफ घोषित करने की मंशा से आनन-फानन में शौचालय बनाने के लक्ष्य दिए गए। अपे्रल 2017 में बेस लाइन सर्वे के अनुरूप सवा लाख शौचालय ही बने थे, पर बाद के पांच महीने में डेढ़ लाख से ज्यादा शौचालय बनाने का दावा करते हुए जिले को दो अक्टूबर को ओडीएफ घोषित करवा दिया। ऐसे में अभी भी कागजों में भले ही शौचालय बन गए, पर धरातल में वे अधूरे है। इसके चलते इन शौचालयों की सीडिंग का कार्य भी नहीं हो सकता है। वहीं आधे-अधूरे शौचालय बनने से पहले ही बिखर रहे है और कई परिवारों के लिए यह तंगी का सबब बने हुए है।
संवाद जारी … भुगतान को लेकर संवाद जारी है। जल्द ही इसका समाधान होगा। फिलहाल सीडिंग कार्य में गति लाने के निर्देश दिए जा रहे है।
रूक्मणि रियार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद फेक्ट फाइल
रूक्मणि रियार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद फेक्ट फाइल
287301 शौचालयों का निर्माण
133134 शौचालयों का भुगतान
154167 शौचालय का शेष
12000 एक शौचालय की कीमत
185 करोड़ का भुगतान है शेष
133134 शौचालयों का भुगतान
154167 शौचालय का शेष
12000 एक शौचालय की कीमत
185 करोड़ का भुगतान है शेष