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ै‘भागवत भक्ति का रसायन’

locationडूंगरपुरPublished: Oct 30, 2018 11:08:28 am

Submitted by:

Vinay Sompura

ै‘भागवत भक्ति का रसायन’

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ै‘भागवत भक्ति का रसायन’

ै‘भागवत भक्ति का रसायन’
सागवाड़ा . ‘कर्म बन्धनों से मुक्ति के लिए परमात्मा की शरणागति जरुरी है।’ रंगथौर में श्रीमद् भगवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के तहत भागवत रसिकों को सत्संग सुधारसपान कराते हुए कथा वाचक रामनिवास शास्त्री ने कहा कि परमात्मा की प्राप्ति और जीवन बंधनों से मुक्ति के लिए भागवत का आश्रय और श्रवण प्रमुख माध्यम है। उन्होंने प्रेम का महत्व बताया और कहा कि अपनी ईन्द्रियों और वासनाओं के वशीभूत मनुष्य रजोगुणों के विकार तथा भावों से अनेकानेक योनियों को प्राप्त होकर भोगों का भोग करता है। भोगों से मुक्ति के लिए भागवत सुमिरन जरुरी है। शास्त्री ने कहा कि ईश्वर की भक्ति से मनुष्य का स्वभाव बदलकर वह दया, करुणा और प्रेम से आसक्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि भागवत कथा के निरंतर श्रवण से आत्मा का परमात्मा से प्रेम उपजकर वासनात्मक ग्रंथियां खुलने लग जाती हैं। शास्त्री ने भागवत को भक्ति का रसायन बताया और कहा कि भागवत कथा शरीर, मन और बुद्धि पर वैज्ञानिक ढ़ंग से प्रभाव स्थापित करती है।
नाम स्मरण से मुक्ति
नारायण नाम की महत्ता बताई और कहा कि नारायण नाम उच्चारण से नरक के भागी अजामिर को स्वर्ग मिला तो हरि सुमिरन से प्रभु हमारा और कुल का उद्धार कर सकते हैं। शास्त्री ने मन के विकारों का दूर कर आचरण के शुद्धिकरण के लिए सत्संग के साथ सतत नेक कार्य करने का आह्वान किया। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य नन्दलाल ने श्रद्धालुओं को संबोधित कर वसुधैव कुटुम्बकम का उल्लेख किया और समाज को प्रेमभाव से रहने का आह्वान किया।
ये रहे मौजूद
बांसिया गांव के महन्त ताजु भाई तथा हरिमंदिर साबला के महन्त अच्युतानन्द महाराज ने शिरकत कर दर्शन लाभ दिया। इस दौरान गो सेवा समिति के प्रान्त प्रमुख भुवन मुकुन्द पण्ड्या, देवशंकर सुथार, देवेन्द्र भट्ट, नानुलाल बुनकर, दिलीप रावल, प्रकाश भट्ट, वेलजी, लालजी, जीवण, गमीरा, ताजु, प्रेमशंकर रोत, हिरालाल, नारायण, उपेन्द्र भट्ट, कृष्णकांत भट्ट तथा देवेन्द्र उपाध्याय मौजूद थे। संचालन उमाकांत व्यास ने किया।

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