scriptगुपचुप कार्रवाई से खफा कांग्रेसी सदस्य, मचाया हंगामा और बैठक का बहिष्कार | Congress member wraps up from a secret action, boycott ruckus and boyc | Patrika News

गुपचुप कार्रवाई से खफा कांग्रेसी सदस्य, मचाया हंगामा और बैठक का बहिष्कार

locationडूंगरपुरPublished: Sep 04, 2018 05:23:18 pm

Submitted by:

Deepak Sharma

जिला परिषद की साधारण सभा में खूब हुआ हंगामा

photo

गुपचुप कार्रवाई से खफा कांग्रेसी सदस्य, मचाया हंगामा और बैठक का बहिष्कार

गुपचुप कार्रवाई से खफा कांग्रेसी सदस्य, मचाया हंगामा और बैठक का बहिष्कार


बोले, बैठक के बाद मनमर्जी से जारी हो रही स्वीकृतियां

डूंगरपुर। जिला परिषद की साधारण सभा एक बार फिर हंगामें के भेट चढ़ गई। शुरुआत ठीेक-ठाक रही। पर, थोड़ी देर बाद ही विकास कार्यों में राजनीति के आरोप से बवाल शुरू हुआ। यहां कांग्रेसी सदस्यों ने आरोपों की झड़ी लगा दी। जिला प्रमुख ने बात को संभालने की कोशिश की तो सदस्यों ने उनकी ही भूमिका को कटघरे में ला दिया। थोड़ी ही देर में सभी कांग्रेसी सदस्यों ने अपनी कुर्सी छोड़ दी और बैठक का बहिष्कार कर बाहर निकल आए। पक्ष-विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप के बीच यहां बैठे अफसर मंद-मंद मुस्कराते इस धमाल चौकड़ी का आनंद लेते दिखे। कांग्रेसी सदस्यों के बहिष्कार बाद चली। पर, यह सब खानापूर्ति के अंदाज में ही आगे बढ़ी और आधें घंटे के दरम्यान ही बैठक सिमट गई। जिला प्रमुख माधवलाल वरहात की अध्यक्षता में सोमवार को हुई इस बैठक में जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नम्रता वृष्णि, एसीईओ रौनक बैरागी आदि मौजूद थे।

इन मुद्दों पर बिगड़ी बात
बैठक में विभागीय कामकाज की समीक्षा शुरू हुई थी कि कांग्रेसी सदस्यों ने अधिकारियों से सवाल-जवाब शुरू किए तो जिला प्रमुख सहित कुछ भाजपा सदस्य अफसर के बचाव में आए। इस पर प्रेमकुमार पाटीदार उखड़ गए और बोले कि हर तीन माह में होने वाली बैठक पांच माह बाद हो रही है और यहां भी मनमर्जी अपनाई जा रही है। इस पर जिला प्रमुख बोले कि बैठकें नियमित है तो पाटीदार ने कहा कि रजिस्टर मंगवाओं। नियमित होगी तो आज ही सभी कांग्रेसी सदस्य इस्तीफा देंगे। इसी दौराप पूर्व प्रमुख भगवतीलाल रोत, रतनदेवी भराड़ा, प्रधान लक्ष्मण कोटेड़, निमिषा भगोरा आदि उठ खड़े हुए और बोले कि साधारण सभा को घर की दुकान बना रखी है। गुपचुप स्वीकृतियां निकाली जा रही है। किसी पंचायत में ५० लाख की तो किसी में एक रुपया विकास कार्य में नहीं दिया जा रहा है। बैठक के बाद अनुमोदन की प्रक्रिया की जाती है। बात बहस से शुरू हुई और आरोप-प्रत्यारोप बढ़ता गया तो सभी कांग्रेसी सदस्यों और प्रधानों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया और बाहर निकल आए।

वहीं लताड़, पर असर कुछ नहीं
गत बैठक की समीक्षा के दौरान सदस्यों ने कहा कि पानी की समस्या को लेकर तीन बैठक से मुद्दा उठाया जा रहा है। गर्मी निकल गई पर कोई सुनवाई नहीं हुई। गौरव पथ में भारी-भरकम बजट होने के बाद भी सडक़ें टूट रही है। नालियां नहीं बनाई जा रही है। इसी तरह के कई आरोप लगे पर, अफसर सुनते रहे और जल्द ठीक कराने के आश्वासन देते हुए बैठते रहे।

यह है जिम्मेदार महकमे
जिला परिषद की बैठक में गत बैठक की पालना रिपोर्ट भी साथ थी। हैरानी की बात यह थी कि १५ महकमों से गत बैठक में उठे महकमों की समस्या के संबंध में जवाब मांगे थे, पर इनमें से नौ महकमों की पालना रिपोर्ट ही नहीं थी। जिले के विकास के सबसे बड़े मंच में अफसरों की यह गैर जिम्मेदारी साफ दर्शाती है कि वो अपने कार्य के प्रति कितने सजग है। खास यह कि जिला परिषद की बैठक में इन्हीं के महकमे में मनरेगा से उठे सवाल खड़े किए। इसकी भी पालना रिपोर्ट नहीं थी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो