scriptVideo: जिन्दा को छोड़ों, यहां तो मुर्दे भी कराह उठे | Dead Body Facing Problems during Doctors Strike in Rajasthan | Patrika News

Video: जिन्दा को छोड़ों, यहां तो मुर्दे भी कराह उठे

locationडूंगरपुरPublished: Nov 11, 2017 05:55:59 pm

Submitted by:

dinesh

हड़ताल का असर अब जिंदों के साथ मुर्दो को भी झेलना पड़ रहा है…

Doctors Protest
डूंगरपुर/जयपुर। चिकित्सकों की हड़ताल शनिवार को भी लगातार जारी रही। अस्पतालों में चहल-पहल तो पिछले कूछ दिन पहले ही सिमटने लगी लेकिन अब यहां की व्यवस्थाए पूरी तहर से गड़बड़ाने लगी है। कई मरीजों ने तो हालात को भांप कर जिला चिकित्सालय से दूरियां बना ली है। यहीं नहीं हड़ताल का असर अब जिंदों के साथ मुर्दो को भी झेलना पड़ रहा है। यहां शनिवार को शव के पीएम को लेकर सुबह परिजन व पुलिस पहूंचे घंटो इधर-उधर फोन भी किए लेकिन शव के पोस्टमार्टम कि कोई व्यवस्था नहीं हो सकी इस दौरान घंटों शव पुलिस की जीप में ही पड़ा रहा। इसके बाद उदयपुर की राह ली।
सदर थानाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि शनिवार सुबह एक व्यक्ति की कुएं में शव होने की सुचना पर मय जाब्ता के पुलिस मौके पर पहंूची ग्रामीणों की मदद से शव को बाहर निकाला। मृतक रेलड़ा (माथुगामडा) निवासी रमेश(47) पुत्र देवीलाल कटारा है। बताया जा रहा है कि सुबह एक महिला कुएं पर पानी भरने गई इस दौरान कुएं में ओधे मुह तैरता हुआ शव नजर आया। इस पर अडोस-पडोस को सुचित किया। मौके पर ग्रामीण एकत्र हुए। कुएं से शव निकाल पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल लाया गया। लेकिन डाक्टरों की हडताल के चलते कोई भी चिकित्सक नहीं मिला। इस दौरान घंटों शव पुलिस की जीप में ही पड़ा रहा। कई प्रयासों के बाद भी पोस्टमार्टम नहीं हो सकने कि स्थिति में यहां से करीब 100 किमी दूर उदयपुर ले जाना पड़ा।
गौरतलब है कि शुक्रवार को चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने बयान जारी कर कहा था कि प्रदेश में 40 फीसदी सेवारत चिकित्सक काम पर लौट आएं है। जहां तक मरीजों की मौत का सवाल है तो सभी समान्य मौंते थी। इससे ज्यादा मौंते समान्य तौर पर प्रदेश के सभी अस्पतालों में इलाज के दौरान होती है। प्रदेश में रेसमा कानून लगा हुआ है और अब सेवारत चिकित्सकों के काम पर नहीं लौटने पर उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
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