डूंगरपुर

पढ़े, जांचे तथा परखे बिना नहीं करें मैसेज फारवर्ड

पढ़े, जांचे तथा परखे बिना नहीं करें मैसेज फारवर्डराजस्थान पत्रिका का शुद्ध का युद्ध अभियान

डूंगरपुरNov 18, 2018 / 07:02 pm

Harmesh Tailor

पढ़े, जांचे तथा परखे बिना नहीं करें मैसेज फारवर्ड

पढ़े, जांचे तथा परखे बिना नहीं करें मैसेज फारवर्ड
राजस्थान पत्रिका का शुद्ध का युद्ध अभियान
सागवाडा़. राजस्थान पत्रिका और फेसबुक की ओर से चलाए जा रहे 525शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत रविवार को पेंशनर भवन में बैठक हुई।
प्रबुद्धजन, युवा, शिक्षाविद् तथा वरिष्ठ नागरिकों ने फेक न्यूज पर लगाम कसने के लिए अपनी बात रखी। उन्होंने लोगों में जागरुकता के साथ हर पोस्ट को बिना पढ़े, जांचे तथा परखे बिना फारवर्ड करने की बजाय संदेहजनक पोस्ट को डिलीट करने की आवश्यकता जताई।
सोशल मीडिया पर सक्रिय हर व्यक्ति मैसेज को फारवर्ड करने के पहले उसकी पड़ताल जरुर करें। एक गलत मैसेज से परिवार, गांव, शहर सहित देश को दुष्परिणाम का सामना करना पड़ सकता है।
फेक न्यूज रोकने के यह बताए उपाय
विश्वनाथ पण्ड्या: सोशल मीडिया पर आई पोस्ट को तुरंत अन्य ग्रुप तथा लोगों को फारवर्ड करने की प्रवृत्ति रोकनी होगी। ऐसे मैसेज से बड़े दुष्परिणाम सामने आएं उसके पहले ही कठोर कानून बनाकर ऐसे लोगों पर नजर रखनी होगी।
कुबेरलाल जोशी: इसके लिए नैतिकता बहुत जरुरी है। दिन का अधिकांश समय सोशल मीडिया को देने वाले लोगों का ध्यान अन्यत्र लगाने के साथ ही उन्हें गलत पोस्ट से होने वाले दुष्परिणामों की जानकारी भी देनी होगी। लोगों को राष्ट्रीय भावना के साथ अपने सामाजिक सरोकारों से भी रुबरु कराना होगा।
देवशंकर सुथार: सोशल मीडिया विशेषकर वॉट्सएप पर आंखे गड़ाने वाले युवाओं पर नजर रखकर उन्हें फेक न्यूज से होने वाली गलत धारणा से अवगत कराते हुए सावचेत करना होगा। किसी घटना या आंदोलन के दौरान इसके लिए शिक्षाविद् सहित वरिष्ठ नागरिकों को सक्रिय होना पडेगा।
राजेश जैन: फेक न्यूज को रोकना आसान नहीं लेकिन उससे होने वाले नुकसान की जानकारी देते हुए लोगों को जागरुक करना चाहिए। विद्यालयों तथा सामाजिक कार्यक्रमों के दौरान इसके लिए वातावरण निर्माण करना होगा। सामूहिक प्रयासों से फेक न्यूज पर रोक लगाई जा सकती है।
उमाकांत व्यास: गलत पोस्ट करने वालों से बचना चाहिए। उन्हें हिदायत देने के साथ ही शांति व सामाजिक समरसता में उनके योगदान को अवगत कराना होगा। ऐसा प्रवधान होना चाहिए जिससे फेक न्यूज वायरल करने वाले शक्स पर सख्त कार्रवाई के साथ इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर दी जाए।
तिलकनन्दनी शाह: समाज में अशांति फैले तथा सामाजिक समरसता प्रभावित हो ऐसे फेक न्यूज वायरल करने वालों के खिलाफ सख्ती होनी चाहिए। सोशल मीडिया पर एक गलत संदेश फारवर्ड करने पर कई जगह अशांति के साथ लोगों का जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
शेख राजू बर्तनवाला: आदतन गलत पोस्ट करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। सोशल मीडिया पर मैसेज फारवर्ड करने के भी मापदण्ड़ होने चाहिए जिससे कि परिवार, समाज व क्षेत्र का वातावरण नहीं बिगड़े।
तृप्ति भावसार: केवल कानून के भरोसे नहीं रहा जा सकता। समाज को भी अपने कर्तव्य का पालन करते हुए लोगों को फेक न्यूज से होने वाले नुकसान को लेकर जागरुक करना होगा। सोशल मीडिया पर बडी संख्या में मैसेज फारवर्ड करने वालों की पहचान कर गलत पोस्ट डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।
कन्हैयालाल व्यास: वर्तमान में हर उम्र का व्यक्ति सोशल मीडिया पर सक्रिय है। असत्य तथा समाज में जहर फैलाने वाले संदेश फारवर्ड करने वालों की पहचान कर उनपर सख्ती करनी चाहिए। लोगों को सोशल मीडिया पर प्राप्त संदेशों को बिना पढ़े तुरंत ही फारवर्ड की प्रवृत्ति भी बदलनी चाहिए।
फेक न्यूज और इस पर रोक लगाने को लेकर प्रकाश व्यास, जलज पण्ड्या, जितेन्द्र सुथार, कमलेश्वरी गुप्ता, पवन पण्ड्या, धर्मेन्द्र रोत, लक्ष्मीकांत जोशी, ज्योत्सना पण्ड्या तथा प्रदीप गामोठ ने भी विचार व्यक्त किए।

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