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असमंजस में चिकित्सक , इलाज केे बाद फंस ना जाए पैसा

locationडूंगरपुरPublished: Oct 15, 2018 10:46:34 am

Submitted by:

Deepak Sharma

असमंजस में चिकित्सक , इलाज केे बाद फंस ना जाए पैसा

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असमंजस में चिकित्सक , इलाज केे बाद फंस ना जाए पैसा

असमंजस में चिकित्सक , इलाज केे बाद फंस ना जाए पैसा
आचार संहिता के दायरे में भामाशाह कार्ड
मुख्यमंत्री का फोटो और कमल का निशान भी
दोनों जिलों में बने है ३८ लाख कार्ड

डूंगरपुर. चुनाव पूर्व लगी आचार संहिता की पालना के आदेशों ने निजी क्लिनिकों के चिकित्सकों को असमंजस की स्थिति में ला दिया है। यहां जिक्र भामाशाह कार्ड और इसके जरिए इलाज के अधिकृत निजी चिकित्सालयों का है। चुनाव आयोग ने सरकारी योजनाओं के दौरान नेताओं के लगे पोस्टर हटवा दिए है। कई वेबसाइट से नेताओं के फोटो हट गए है। पर, सरकार की निशुल्क चिकित्सा योजना के तहत बने भामाशाह कार्ड अब चिकित्सकों के लिए सिरदर्द बन गया है। यह कार्ड भाजपा के रंग में है। यानी कार्ड का रंग भी भाजपा सा है और कार्ड पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का फोटो है। यहीं नहीं कार्ड के कौने में कमल का निशान भी है। यह जिले के ९९ फीसदी घरों तक अपनी घुसपैठ कर चुका है और रोजाना हजारों की तादाद में कार्ड लेकर मरीज और इनके परिजन चिकित्सालयों में पहुंच रहे है। ऐसे में भापजा का प्रचार तो स्वस्र्फूत खूब हो रहा है। वहीं, कार्ड निजी चिकित्सकों को तनाव दे रहा है। यहीं नहीं भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना से पंजीकृत एक-दो चिकित्सकों ने तो आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए चुनाव तक कार्ड धारी मरीज को सीधा मना भी करने लगे है।
कई जगह काम में आता है कार्ड
भामाशाह योजना के तहत प्रत्येक परिवार का कार्ड बनाया गया है। यह आधार के साथ बैंक खाते से भी जुड़ा हुआ है। बैंक खाता परिवार की महिला मुखिया के नाम खोले गए। इसमें राशन वितरण, मनरेगा, जननी सुरक्षा, सभी तरह की राहत पैंशन, जननी सुरक्षा, छात्रवृति, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजनाओं आदि का भुगतान भी सीधे बैंक खातों में आता है।
दोनों जिलों में बने है लगभग ३८ लाख कार्ड
वागड़ के दोनों जिलों में लगभग ३८ लाख से ज्यादा भामाशाह कार्ड बने हुए है। डूंगरपुर में तीन लाख ५६ हजार ७८१ परिवारों के कार्ड बने है और व्यक्तिगत कार्ड १३ लाख ८९ हजार ९७६ कार्ड बने है। वहीं बांसवाड़ा जिले में चार लाख ४१ हजार ४७६ परिवारों के कार्ड बने है। यहां व्यक्तिगत कार्ड १७ लाख ५२ हजार ७८० कार्ड अब तक बन चुके है। दोनों जिलों में परिवारों के कार्ड का कार्य लगभग ९९ फीसदी हो चुका है। वहीं, व्यक्तिगत बनने वाले कार्ड का आंकड़ा भी ९० फीसदी पार कर गया हैं।
राज्य स्तर पर निर्णय
जिला स्तर के अधिकारियों से इस संबंध में बात करना चाहा तो अधिकृत स्तर पर सबने जवाब देने से मना किया। इनका कहना रहा कि कार्ड राज्य सरकार स्तर पर बने है और इस संबंध में निर्णय भी वहीं से मिलेगा।

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