न्यायालय ने नाबालिग के दुष्कर्म जैसे गंभीर मामले में अनुसंधान में लापरवाही बरतने पर प्रारम्भिक जांच अधिकारी प्रतापसिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखने के आदेश दिए। कोर्ट ने माना कि गंभीर प्रकरण में भी समय एफआईआर दर्ज नहीं की गई। पीडि़ता को मुक्त कराने के तत्काल बाद मेडिकल मुआयना नहीं करवाया गया। पीडि़ता और आरोपी राहुल दोनों के कपड़े भी मेडिकल जांच के लिए समय रहते जब्त नहीं किए गए। इससे जरूरी सबूत नहीं मिल सके। वहीं, सह आरोपी चाची के विरुद्ध अनुसंधान नहीं किया। छह माह बाद पीडि़ता का मेडिकल कराया गया। इससे केस कमजोर करने की कौशिश की।
न्यायालय ने नाबालिग के दुष्कर्म जैसे गंभीर मामले में अनुसंधान में लापरवाही बरतने पर प्रारम्भिक जांच अधिकारी प्रतापसिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखने के आदेश दिए। कोर्ट ने माना कि गंभीर प्रकरण में भी समय एफआईआर दर्ज नहीं की गई। पीडि़ता को मुक्त कराने के तत्काल बाद मेडिकल मुआयना नहीं करवाया गया। पीडि़ता और आरोपी राहुल दोनों के कपड़े भी मेडिकल जांच के लिए समय रहते जब्त नहीं किए गए। इससे जरूरी सबूत नहीं मिल सके। वहीं, सह आरोपी चाची के विरुद्ध अनुसंधान नहीं किया। छह माह बाद पीडि़ता का मेडिकल कराया गया। इससे केस कमजोर करने की कौशिश की।