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विद्र्यािर्थयों की छुट्टियां, पर पहुंची नई पाठ्य-पुस्तकें

locationडूंगरपुरPublished: May 24, 2020 05:52:18 pm

Submitted by:

Harmesh Tailor

डूंगरपुर. वैश्विक महामारी कोरोना के चलते जिले सहित पूरे प्रदेश के सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों में शिक्षण कार्य ठप है। कक्षा एक से आठ तक एवं 11वीं के विद्यार्थियों को सीधे क्रमोन्नत कर दिया है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने नए शिक्षण सत्र की दस्तक दे दी है। राज्य पाठ्य-पुस्तक मण्डल के जिला कार्यालयों में नि:शुल्क एवं सशुल्क पुस्तकों के सेट आने शुरू हो गए हैं। मण्डल की ओर से जल्द ही नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकों के वितरण का समय चक्र घोषित किया जाएगा। हालांकि, कोरोना संक्रमण के चलते यहां आने शिक्षकों आदि को

विद्र्यािर्थयों की छुट्टियां, पर पहुंची नई पाठ्य-पुस्तकें

विद्र्यािर्थयों की छुट्टियां, पर पहुंची नई पाठ्य-पुस्तकें

विद्र्यािर्थयों की छुट्टियां, पर पहुंची नई पाठ्य-पुस्तकें
अब नोडल नहीं ब्लॉक नोडल लेने आएंगे पुस्तकें
– लॉकडाउन के बीच नए शिक्षण सत्र की दस्तक
– राज्य पाठ्य-पुस्तक मण्डल ने की तैयारियां

डूंगरपुर. वैश्विक महामारी कोरोना के चलते जिले सहित पूरे प्रदेश के सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों में शिक्षण कार्य ठप है। कक्षा एक से आठ तक एवं 11वीं के विद्यार्थियों को सीधे क्रमोन्नत कर दिया है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने नए शिक्षण सत्र की दस्तक दे दी है। राज्य पाठ्य-पुस्तक मण्डल के जिला कार्यालयों में नि:शुल्क एवं सशुल्क पुस्तकों के सेट आने शुरू हो गए हैं। मण्डल की ओर से जल्द ही नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकों के वितरण का समय चक्र घोषित किया जाएगा। हालांकि, कोरोना संक्रमण के चलते यहां आने शिक्षकों आदि को सोशल डिस्टेसिंग की पालना के साथ ही सेनेटाइज संबंधित औपचारिकताओं को पहले पूर्ण करना पड़ेगा।
व्यवस्था बदली, मिलेगी राहत
अब तक नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तकें प्राप्त करने के लिए शिक्षकों को काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। लेकिन, अब पाठ्य-पुस्तक मण्डल ने शिक्षकों को राहत दे दी है। अब पूर्व की तरह नोडल विद्यालय पुस्तकें लेने नहीं आकर अब ब्लॉक स्तरीय नोडल केन्द्र ही पुस्तकें लेने के लिए आएंगे। ब्लॉक नोडल से नोडल केन्द्रों तक पुस्तकें पहुंचेगी और नोडल से संबंधित विद्यालय तक पुस्तकें पहुंचेगी।
सरकारी धन की बचत
पूर्व की व्यवस्था के दौरान यह देखने में आ रहा था कि पाठ्य-पुस्तक मण्डल की ओर से वाहन की व्यवस्था होने के बावजूद विद्यालय उसमें पुस्तकें नहीं ले जाते थे। वह वाहन देर रात्रि तक नोडल में पहुंचता था। ऐसे में शिक्षक स्वयं अपने वाहनों में पुस्तके ले जाते और यह बिल स्कूल फण्ड या फिर भामाशाह बन स्वयं वहन करते थे। लेकिन, न्रई व्यवस्था से इस तरह के व्यर्थ खर्च से राहत मिलेगी।
कक्षावार इतनी आएगी पुस्तकें
कक्षा ………..सेट
एक………….. 18788
दो …………….23732
तीन………… 21485
चार …………14729
पांच………… 157829
छह…………. 29544
सात ………..27429
आठ………….. 26202
(तृतीय भाषा की पुस्तकों को मिलाकर विभिन्न विषयों की नौ लाख 47 हजार 21 पुस्तकें प्राप्त होगी।)

माध्यमिक कक्षाओं की अलग पुस्तकें
माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए भी अलग-अलग पुस्तकें प्राप्त हो रही है। इसमें कक्षा नौ में 30 हजार 222, दस में 12 हजार छह सौ 10 सहित कक्षा 11 एवं 12वीं में अलग-अलग संकाय एवं विषयवार अलग-अलग पुस्तकों के सेट प्राप्त हो रहे हैं। यहां सात लाख 30 हजार 667 पुस्तकें प्राप्त हो रही हैं।
ब्लॉक नोडल वितरण की तिथि घोषित
ब्लॉक ………तिथि
साबला……. एक जून
आसपुर…….. दो जून
दोवड़ा ………तीन जून
चीखली……… चार जून
गलियाकोट……. पांच जून
सागवाड़ा……….. छह जून
सागवाड़ा…………. सात जून
सीमलवाड़ा……….. आठ जून
झौथरी……………… नौ जून
बिछीवाड़ा…………… 10 जून
बिछीवाड़ा……………… 11 जून
डूंगरपुर……………….. 12 जून
(सागवाड़ा एवं बिछीवाड़ा ब्लॉक के दो भाग है। सागवाड़ा में पहले दिन राउमावि सागवाड़ा तथा द्वितीय दिन राउमावि तलैया नम्बर छह आएंगे। वहीं, बिछीवाड़ा में प्रथम दिन राउमावि बिछीवाड़ा एवं द्वितीय दिन राउमावि गामड़ी अहाड़ा आएगा।)
एसीबीईओ की रहेगी मौजूदगी
नवीन व्यवस्था के तहत ब्लॉक नोडल विद्यालय पुस्तक लेने आएंगे, तो उनके साथ संबंधित एसीबीईओ की उपस्थिति अनिवार्य रहेगी। पुस्तक वितरण सुबह साढ़े नौ बजे राज्य पाठ्य-पुस्तक वितरण मण्डल कार्यालय से होगा। साथ में ब्लॉक नोडल केन्द्र प्रभारी स्टॉक रजिस्ट्रर एवं सील में साथ में लेकर आनी होगी। वाहन के बंदोबस्त पाठ्यपुस्तक मण्डल की ओर होगा।
इन्होंने कहा…
राज्य पाठ्य-पुस्तक मण्डल ने नई व्यवस्थाओं के अनुरुप कार्य करना शुरू कर दिया है। समय चक्र घोषित कर दिया है। फिलहाल सोशल डिस्टेसिंग के साथ सशुल्क पुस्तकों का वितरण शुरू हो गया है। एक जून से नि:शुल्क पुस्तकों का कार्य शुरू होगा। पुस्तकों के सेट आने शुरू हो गए हैं। आने वाले दिनों में और सेट आएंगे। कक्षा एक से पांच का पाठ्यक्रम भी बदला है।
– जशिला मेणात, प्रबंधक, राज्य पाठ्य-पुस्तक मण्डल
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