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सरकारी स्कूलों पर भामाशाहों का रीझा मन, खूब दिया धन

locationडूंगरपुरPublished: Jul 07, 2020 05:04:54 pm

Submitted by:

Harmesh Tailor

डूंगरपुर. हर वर्ष सरकारी स्कूलों पर नए-नए फार्मूले इजाद करने के लिए शिक्षा विभाग की अपनी अलग पहचान बनी हुई हैं। इनमें से अधिकांश फार्मूले धरातल पर फिसड्डी ही साबित होते हैं। लेकिन, गत शैक्षिक सत्र में निजी विद्यालयों की तर्ज पर आदर्श एवं उत्कृष्ट विद्यालयों में हुए वार्षिकोत्सव एवं विद्यार्थी सम्मान समारोह का फार्मूला काफी हद तक कारगर साबित हुआ है। इन समारोह से आर्थिक तंगी की मार झेलते शिक्षा विभाग के खजाने में काफी धन बरसा हैं। भामाशाहों ने सरकारी स्कूलों के लिए दिल खोल कर दान किया है। आंकड़े ब

सरकारी स्कूलों पर भामाशाहों का रीझा मन, खूब दिया धन

सरकारी स्कूलों पर भामाशाहों का रीझा मन, खूब दिया धन

सरकारी स्कूलों पर भामाशाहों का रीझा मन, खूब दिया धन
– सरकारी विद्यालयों में हुए वार्षिकोत्सव में धनकुबेरों ने खूब दी सहायता
– नवाचार : पहले ही वर्ष सामने आए सकारात्मक परिणाम
डूंगरपुर. हर वर्ष सरकारी स्कूलों पर नए-नए फार्मूले इजाद करने के लिए शिक्षा विभाग की अपनी अलग पहचान बनी हुई हैं। इनमें से अधिकांश फार्मूले धरातल पर फिसड्डी ही साबित होते हैं। लेकिन, गत शैक्षिक सत्र में निजी विद्यालयों की तर्ज पर आदर्श एवं उत्कृष्ट विद्यालयों में हुए वार्षिकोत्सव एवं विद्यार्थी सम्मान समारोह का फार्मूला काफी हद तक कारगर साबित हुआ है। इन समारोह से आर्थिक तंगी की मार झेलते शिक्षा विभाग के खजाने में काफी धन बरसा हैं। भामाशाहों ने सरकारी स्कूलों के लिए दिल खोल कर दान किया है। आंकड़े बयां कर रहे हैं कि गत शैक्षिक सत्र में प्रदेश के 16 हजार 304 राजकीय विद्यालयों में हुए वार्षिकोत्सव के दौरान भामाशाहों ने 98 करोड़ 29 लाख 70 हजार 949 रुपए से अधिक का दान दिया है।
यह थी योजना
सरकारी विद्यालयों से आमजन का जुड़ाव स्थापित कर अधिक से अधिक नामांकन तथा दानदाताओं को प्रेरित कर राशि संग्रहण के लिए गत शैक्षिक सत्र में मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश पर प्रदेश के आदर्श एवं उत्कृष्ट विद्यालयों में निजी विद्यालयों की तर्ज पर वार्षिकोत्सव के आयोजन करवाए गए। इसके लिए बजट के भी प्रावधान तय किए गए। योजना के तहत विद्यालयों में रंगारंग कार्यक्रम हुए और बड़ी संख्या में भामाशाह जुड़े।
प्रदेश की फेक्ट फाइल
. 16304 विद्यालयों में हुए वार्षिकोत्सव कार्यक्रम
. 15196 हुए पूर्व विद्यार्थी सम्मेलन
140037 संभागी विद्यालय हुए कार्यक्रमों में शामिल
22,25,982 अभिभावक हुए कार्यक्रम में शामिल
2,42,990 सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए उत्सव में
687087 विद्यार्थियों को किया पुरस्कृत
98 करोड़ 29 लाख 70 हजार 949 रुपए का मिला दान
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डूंगरपुर की फेक्ट फाइल
. 415 विद्यालयों में हुए वार्षिकोत्सव कार्यक्रम
. 381हुए पूर्व विद्यार्थी सम्मेलन
. 3555 संभागी विद्यालय हुए कार्यक्रमों में शामिल
. 70,946 अभिभावक हुए कार्यक्रम में शामिल
. 5660 सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए उत्सव में
15,344 विद्यार्थियों को किया पुरस्कृत
01 करोड़ 50 लाख 47 हजार 447 रुपए का मिला दान
अभी और बढ़ेंगे आंकड़े
वार्षिकोत्सव एवं विद्यार्थी सम्मान समारोह के आयोजन फरवरी माह में हुए थे। लेकिन, चार माह बाद भी कई विद्यालयों ने अपने यहां हुए आयोजनों से जुड़ी जानकारियों शाला दर्पण पोर्टल पर अपलोड नहीं की है। ऐसे में स्कूल शिक्षा परिषद् ने समस्त अधिकारियों को अपने यहां हुए आयोजनों की जानकारी अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में भविष्य में आंकड़े अपडेट होने के साथ ही दान की यह राशि भी बढऩी तय है।
अधिकारी ने कहा..
. आयोजन का मुख्य ध्येय ही नामांकन बढ़ाने के साथ ही विद्यालय से जनसहभागिता का जुड़ाव सुनिश्चित करना था। यह योजना कारगर साबित हुई हैं। पहले ही वर्ष अच्छा खासा भामाशाहों से सहयोग मिला है।
– मणिलाल छगण, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी
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