पर्यवेक्षण की कमी...
जिला रैकिंग में अपेक्षित सुधार नहीं होने के पीछे मुख्य कारण अधिकारियों के सघन पर्यवेक्षण की कमी साफ नजर आ रही है। वहीं, जिले में अधिकांश शिक्षाधिकारियों के पद कार्यवाहक के भरोसे चल रहे हैं। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी, समग्र शिक्षा अभियान में अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक का पद रिक्त पड़े हैं। वहीं, कई ब्लॉकों में शिक्षा अधिकारियों के पद रिक्त चल रहे हैं।
दर्पण ने खोली पोल
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् के अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक ने फरवरी 2022 की संयुक्त जिला रैकिंग घोषित की है। इसके तहत शाला दर्पण पोर्टल पर स्कूल, सीबीईओ, जिला शिक्षा अधिकारी एवं मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों की ओर से दी गई जानकारियों के आधार पर जिला रैकिंग तय की गई हैं। प्रदेश के 33 जिलों की तय हुई रैकिंग में सबसे पहले पायदान पर 229.40 अंक के साथ जयपुर तथा सबसे अंत में 175.98 अंक के साथ जैसलमेर जिला है। इस सूची में 186.16 अंक के साथ डूंगरपुर जिला 30वें पायदान पर है। पहले पड़ौसी जिला बांसवाड़ा डूंगरपुर से काफी पीछे था। पर, अब वह डूंगरपुर से आगे है।
हर माह गिरी साख
माह------------पायदान
अक्टूबर 21------15वां
नवम्बर 21-------16वां
दिसम्बर 21-------23वां
जनवरी 22--------28वां
फरवरी 22---------30वां
संभाग के अन्य जिलों की स्थिति
जिला------------पायदान
चित्तौडग़ढ़-------11वां
उदयपुर-----------22वां
बांसवाड़ा---------25वां
राजसमंद---------26वां
प्रतापगढ़---------29वां