आधे आसमां ने बताया शहर विकास का पूरा विजन
बेबाकी से रखी मन की बात, आठ सौ से अधिक मातृ-शक्ति ने लिया हिस्सा, शहर को मिली सौगाते

डूंगरपुर. स्वच्छता एवं पर्यटन के क्षेत्र में देश-विदेश में अपना पचरम लहराने वाली डूंगरपुर नगर परिषद् के अनूठे कार्यक्रम 'मन की बातÓ में रविवार को महिलाओं ने शहर विकास को लेकर अपने मन की बात बेबाकी से रखी। ऑडिटोरियम में हुए कार्यक्रम में सभापति केके गुप्ता ने भी शहर विकास को लेकर मातृ शक्ति की ओर से दिए गए सुझावों को हाथों-हाथ स्वीकृत करते हुए शहर को कई नई सौगाते दी। संचालन अभिलाषा शाह और उमंग जैन ने किया।
ये मिली शहर को सौगाते
. शहर के एक 28 पार्क में से एक पार्क महिलाओं के लिए आरक्षित होगा। इस पार्क में महिला चौकीदार के साथ ही महिलाओं के व्यायाम- खेल उपकरण आदि के लिए बंदोबस्त होंगे।
. बस स्टैंड क्षेत्र में बस स्टैंड प्रशासन की सहमति के बाद महिलाओं के लिए वातानुकूलित बेबी-फीडिंग कक्ष बनेगा।
. एक महिला सहायता केन्द्र खोला जाएगा। इसमें महिलाओं को स्वरोजगार, उच्च शिक्षा के साथ ही समस्त सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।
. शहर के वार्ड नम्बर 25 में स्थित सामुदायिक केन्द्र में लघु उद्योग केन्द्र की एक इकाई संचालित होगी। इसमें महिलाओं को पापड़, सेनेटरी पेड, कपड़े की थैली आदि के माध्यम से आर्थिक सहयोग मिलेगा।
. महिलाओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिए कराटे क्लास लगेगी।
. माह में अंतिम रविवार को शहर के पार्क एवं बर्ड सेंचूरी पार्क में नि:शुल्क प्रवेश।
. शहर में रात्रि के समय स्वास्थ्य संबंधित आपात सुविधाओं के लिए नि:शुल्क ऑटोरिक्शा की सुविधा।
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बताई पीड़ा : हर साल बदल जाता है कोर्स
मन की बात कार्यक्रम में एक महिला ने बच्चों से जुड़ी समस्या बताई। उन्होंने कहा कि निजी स्कूल संचालक हर साल कोर्स बदल देते हैं। इससे हर वर्ष अभिभावकों के लिए गत वर्ष की पाठ्य-पुस्तकें रद्दी में बेचने के अलावा कोई चारा नहीं रह जाता है। क्योंकि नहीं नगर परिषद् एक स्कूल संचालित करें, जिसका स्तर तो हाई हो। लेकिन, उसकी फीस एवं बुक्स की रेट्स सरकारी स्कूलों के समान हो। इस पर सभापति गुप्ता ने कहा कि नगर परिषद् स्कूल संचालित तो नहीं कर सकती है। लेकिन, यदि कोई संस्था उक्त प्रावधानों के तहत स्कूल खोलना चाहे, तो मैं व्यक्तिगत 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता करने को तैयार हूं। साथ ही उसे नि:शुल्क जमीन भी आवंटित कर दी जाएगी। सभापति ने कहा कि हम सभी निजी शिक्षण संस्थान के संचालकों के साथ भी बैठक कर उन्हें आग्रह करेंगे कि वे फीस नहीं बढ़ाएं। साथ ही कोर्स नहीं बदले।
खुशी-खुशी ले गई तुलसी-पौध
कार्यक्रम के समापन पर सभी महिला संभागियों को औषधीय, शास्त्रोक्त एवं पर्यावरण के लिए लिहाज से महत्वपूर्ण तुलसी के पौधे गमले के साथ दिए। महिलाएं उत्साह के साथ इन पौधों को ले गई। साथ ही महिलाओं को पॉलीथिन का उपयोग नहीं करने के लिए कपड़े के थैले भी बांटे गए।
यह भी आए सुझाव
. पुराने शहर में सिटी डिस्पेंसरी शुरू करना।
. व्यसन मुक्ति के लिए जनजागरण अभियान।
. महिलाओं के लिए आरटीओ कार्यालय के माध्यम से लाइसेंस शिविर
. डूंगरपुर में औद्योगिक सम्मेलन
. शहर में पार्किंग जोन, पुराने शहर में सब्जी मण्डी।
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