विषाक्त दाने से मछलियों का शिकार!
डूंगरपुर. शहर की हृदयस्थली गेपसागर झील को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए नगरपरिषद अर्हनिश प्रयास कर रही है। झील के पानी को साफ रखने के लिए लाखों रुपए खर्च कर विशेष प्रजाति की मछलियां भी लाकर इसमें छोड़ी गई हैं। दूसरी ओर मत्स्याखेट करने वाले कांटा डालकर मछलियों का शिकार तो करते ही हैं, अन्य तरीकों से भी बड़ी संख्या में मछलियां मारने के प्रयास हो रहे हैं। झील में सोमवार को बड़ी तादाद मरी हुई मछलियां तैरती नजर आई। बादल महल रिंग रोड़ पर पानवाड़ी से सटे झील के किनारे तथा पानी के बीच-बीचों बहुत सारी बड़
विषाक्त दाने से मछलियों का शिकार!
विषाक्त दाने से मछलियों का शिकार!
– गेपसागर में तैर रही हंै मृत मछलियां
डूंगरपुर. शहर की हृदयस्थली गेपसागर झील को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए नगरपरिषद अर्हनिश प्रयास कर रही है। झील के पानी को साफ रखने के लिए लाखों रुपए खर्च कर विशेष प्रजाति की मछलियां भी लाकर इसमें छोड़ी गई हैं। दूसरी ओर मत्स्याखेट करने वाले कांटा डालकर मछलियों का शिकार तो करते ही हैं, अन्य तरीकों से भी बड़ी संख्या में मछलियां मारने के प्रयास हो रहे हैं। झील में सोमवार को बड़ी तादाद मरी हुई मछलियां तैरती नजर आई। बादल महल रिंग रोड़ पर पानवाड़ी से सटे झील के किनारे तथा पानी के बीच-बीचों बहुत सारी बड़ी-बड़ी मछलियां मरी हुई देखी गई। इससे जहरीला दाना डालने की आशंका जताई जा रही है।
रात के अंधेरे में हो रहा मत्स्याखेट
गेपासागर जलाशय में वैसे तो कांटे डालकर मछलियां पकड़ते युवक अमूमन दिख जाते हैं, लेकिन रात के अंधेरे में मत्स्याखेट बढ़ जाता है। रात के समय कतिपय लोग जहरीला दाना डाल देते हैं। मछलियां यह दाना खाने से मर जाती हैं। तड़के आकर मरी हुई मछलियों को एकत्र कर कम दामों में बेच देते हैं।
पूर्व में पकड़ा था युवक
गेपसागर झील में रात के अंधेरे में मछलियों का शिकार करने वाले युवक को कुछ युवाओं ने पकड़ कर पुलिस के हवाले किया था। ८
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