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श्रद्धा : ठाकुरजी को चढ़ेगा भोग, मातारानी की होगी आरती

locationडूंगरपुरPublished: May 25, 2020 04:23:13 pm

Submitted by:

Harmesh Tailor

डूंगरपुर. सुबह की वेला मंदिरों में शंखनाद और घंटनाद की शुभ ध्वनि के साथ दिन की शुरूआत होती थी, तो सांझ ढलते ही संध्या आरती से दिन भर के मानसिक संताप सहज दूर होकर आत्मिक शांति का सहज अहसास कराती थी। लेकिन, वैश्विक महामारी कोविड-19 कोरोना के चलते मंदिर वीरान पड़े हुए हैं। लॉकडाउन के चलते मंदिरों मेें भक्तों की आवाजाही थमी हुई है। मंदिरों में चढ़ावा नहीं के बराबर आ रहा है। वहीं, पूजन सामग्री कहीं से भी प्राप्त नहीं हो रही है। स्थितियां यह है कि मंदिर के पुजारी और मंदिर कमेटियां जैसे-तैसे कर अपनी जे

श्रद्धा : ठाकुरजी को चढ़ेगा भोग, मातारानी की होगी आरती

श्रद्धा : ठाकुरजी को चढ़ेगा भोग, मातारानी की होगी आरती

श्रद्धा : ठाकुरजी को चढ़ेगा भोग, मातारानी की होगी आरती

– शहर के 40 से अधिक मंदिरों में नगरपरिषद् आज से देगी एक माह की सम्पूर्ण पूजन सामग्री
– लॉकडाउन से मंदिरों में नहीं आ रहा चढ़ावा
डूंगरपुर.
सुबह की वेला मंदिरों में शंखनाद और घंटनाद की शुभ ध्वनि के साथ दिन की शुरूआत होती थी, तो सांझ ढलते ही संध्या आरती से दिन भर के मानसिक संताप सहज दूर होकर आत्मिक शांति का सहज अहसास कराती थी। लेकिन, वैश्विक महामारी कोविड-19 कोरोना के चलते मंदिर वीरान पड़े हुए हैं। लॉकडाउन के चलते मंदिरों मेें भक्तों की आवाजाही थमी हुई है। मंदिरों में चढ़ावा नहीं के बराबर आ रहा है। वहीं, पूजन सामग्री कहीं से भी प्राप्त नहीं हो रही है। स्थितियां यह है कि मंदिर के पुजारी और मंदिर कमेटियां जैसे-तैसे कर अपनी जेब से राशि वहन कर पूजन सामग्री लाकर रोजाना इन मंदिरों में अध्यात्म के दीप प्रज्ज्वलित कर रहे हैं। लेकिन, अनूठे नवाचारों एवं स्वच्छता एवं पर्यटन में नए कीर्तिमान स्थापित कर विश्व पटल डूंगरपुर की छाप छोडऩे में सफल रही डूंगरपुर नगर परिषद् ने लॉकडाउन दौरान इन मंदिरों में आवश्यक पूजन सामग्री भी पहुंचाने का संकल्प लेते हुए हाथों-हाथ कार्यादेश भी जारी कर दिए हैं।
इसीलिए पड़ी जरूरत
शहर के अधिकांश मंदिर या तो विभिन्न समाजों की ओर से संचालित किए जा रहे हैं, तो कई मंदिर स्वयं पुजारी ही अपने स्तर पर चला कर उनकी सेवा-पूजा करते हैं। यहां बड़े मंदिर या बाहरी जिलों से भक्तों के दर्शनाथ नहीं पहुंचने से यह मंदिर स्वयंभू ही गिने जाते हैं उनका दैनिक खर्च यथा विद्युत, साफ-सफाइ सहित दैनिक पूजन सामग्री आदि भक्तों के चढ़ावे और भामाशाहों के सहयोग से ही होती है। लेकिन, मार्च माह से कोरोना लॉकडाउन के चलते अधिकांश मंदिरों के कपाट बंद है। पुजारी मंदिरों में जाकर सेवा-अर्चना कर दीप-प्रज्ज्वलन एवं भोग आदि धराकर आ जाते हैं। लेकिन, लम्बे समय से लॉकडाउन होने से इन मंदिरों की दैनिक पूजा में लगने वाली सामग्री भी निकालनी मुश्किल पड़ रही हैं।
परिषद् ने लिया संकल्प
मंदिरों में पूजन सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने का सुझाव सभापति केके गुप्ता को मिला। इस पर उन्होंने हाथों-हाथ शहर के प्राचीन एवं नए मंदिरों की सूची तैयार कर उनमें पूजन सामग्री की उपलब्धता सोमवार से सुनिश्चित करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
यह मिलेगी सामग्री
शहर के इन मंदिरों में सोमवार से शुद्ध घी, गुलाल, अबीर, चंदन, अगरबत्ती, धूप-बत्ती, सिंदूर पानिये, सूखा प्रसाद, रुई पैकेट्, माचिस, स्वच्छ कपड़े एवं झाडू आदि उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही यदि किसी मंदिर की अन्य पूजन सामग्री की जरूरत होगी, तो वह भी पहुंचाई जाएगी।
सभापति ने कहा…
परिषद् ने अपने साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में हर वर्ग एवं हर क्षेत्र में कार्य किया है। मंदिर एवं धार्मिक स्थल हमारी संस्कृति की पहचान है। उनसे हमे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। पूर्व में भी परिषद् ने शहर के जीर्ण-शीर्ण मंदिरों का जीर्णोद्धार करवाया था। लॉकडाउन दौरान पूजन सामग्री के अभाव में मंदिरों में पूजा-अर्चना प्रभावित नहीं होनी चाहिए। इस ध्येय से शहर के फिलहाल 40 से अधिक मंदिरों की सूची तैयार की है। अन्य कोई समुदाय भी धार्मिक स्थल से जुड़ी कोई जरूरत बताएगा तो हम उसे तुरंत सहयोग करेंगे।
– केके गुप्ता, सभापति, नगरपरिषद्, डूंगरपुर

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