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‘सरस्वती’ के परिवहन में ‘लक्ष्मी’ का अपव्यय

locationडूंगरपुरPublished: Jul 04, 2020 05:03:36 pm

Submitted by:

Harmesh Tailor

डूंगरपुर. शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारी बिना किसी दूरदर्शिता के ही निर्णय लेकर निचले स्तर पर थोपते आ रहे हैं। हालिया उदाहरण नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तक वितरण से जुड़ा हुआ है। जिला स्तर पर प्रथम चरण की पुस्तकों का वितरण हुए अभी अधिक समय गुजरा भी नहीं है और पाठ्य-पुस्तक वितरण मण्डल के आला अधिकारियों ने द्वितीय चरण का पुस्तक वितरण समय-चक्र घोषित कर दिया है। जबकि, बड़ी संख्या में अब भी पुस्तकें मण्डल की ओर से भेजनी ही शेष हैं।

'सरस्वती' के परिवहन में 'लक्ष्मी' का अपव्यय

‘सरस्वती’ के परिवहन में ‘लक्ष्मी’ का अपव्यय

‘सरस्वती’ के परिवहन में ‘लक्ष्मी’ का अपव्यय
– पुस्तकें अभी आई नहीं और द्वितीय चरण की पुस्तक वितरण के लिए समय-चक्र घोषित
– ब्लॉक विद्यालय को शुरू हुआ पुस्तक वितरण
डूंगरपुर.
शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारी बिना किसी दूरदर्शिता के ही निर्णय लेकर निचले स्तर पर थोपते आ रहे हैं। हालिया उदाहरण नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तक वितरण से जुड़ा हुआ है। जिला स्तर पर प्रथम चरण की पुस्तकों का वितरण हुए अभी अधिक समय गुजरा भी नहीं है और पाठ्य-पुस्तक वितरण मण्डल के आला अधिकारियों ने द्वितीय चरण का पुस्तक वितरण समय-चक्र घोषित कर दिया है। जबकि, बड़ी संख्या में अब भी पुस्तकें मण्डल की ओर से भेजनी ही शेष हैं।
इतनी पुस्तकेें नहीं आई अभी
कक्षा एक की तीन पुस्तकों के 18788 सेट अब भी आने शेष हैं। इसी तरह दूसरी कक्षा में आओ सीखे भाग दो के 22 हजार 732 सेट के मुकाबले महज 4720 ही सेट मिले हैं। इस कक्षा में शेष दो पुस्तकों के सेट अब भी अप्राप्त हैं। कक्षा तीन में तीन पुस्तकों के 21 हजार 485 पुस्तकों के सेट नहीं मिले हैं। कक्षा चार में 14 हजार 729, पांच में 15 हजार 829 पुस्तकों के सेट नहीं मिले हैं। कक्षा छह की नौ पुस्तकों में से चार पुस्तकें अब भी नहीं आई हैं। इनकी डिमाण्ड प्रति सेट 29 हजार 544 हैं। कक्षा सात में नौ पुस्तकों में से छह पुस्तकें आई नहीं हैं। प्रति सेट 27 हजार 429 की मांग है। कक्षा आठ में नौ पुस्तकों में से चार पुस्तकें अप्राप्त हैं। प्रति सेट 26 हजार 202 की मांग है। वहीं, उर्दू की किसी भी कक्षा की पुस्तकें नहीं आई हैं। कक्षा एक से आठ तक की सभी कक्षाओं के कुल पुस्तकों के सेट की बात करें, तो यहां मांग 10 लाख 28 हजार 541 की थी। जबकि पुस्तकेें तीन लाख 76 हजार 654 ही आई हैं।
कक्षा नौ से 12वीं के यह हालात
कक्षा नौ में समकालीन भारत-भूगोल की कुल 30 हजार 222 पुस्तकें मंगवाई थी। पर, अब तक नहीं आई हैं। कक्षा नौ एवं दस दोनों में गुजराती, व्याकरण कुमुदी और काव्य कुमुदी की भी पुस्तकें नहीं आई हैं। कक्षा 11 में अंतरा और अंतराल पुस्तक के 5426 सेट मंगवाए थे। पर, उपलब्ध नहीं हुए हैं। कक्षा 11 की कला, वाणिज्य, विज्ञान संकाय की कुल ६३ पुस्तकों में से ४४ पुस्तकें नहीं आई हैं। वहीं, कुछ पुस्तकें मिली भी हैं, तो उनके सेट कम आए हैं। इसी तरह कक्षा 12वीं की बात करें, तो यहां कुल 32 पुस्तकों में से 22 पुस्तकें नहीं आ पाई हैं। कक्षा 12वींं के लिए कुल सात लाख 30 हजार 667 पुस्तकें मंगवाई थी। पर, प्राप्त छह लाख 30 हजार 945 हुई हैं।
यूं लगेगा पूरे प्रदेश में चूना
पाठ्य-पुस्तक मण्डल के सचिव ने पूरे प्रदेश के लिए आदेश जारी कर द्वितीय चरण एक जुलाई से सात जुलाई के मध्य करने के आदेश जारी किए हैं। इसमें उल्लेख किया है उपलब्ध पुस्तकों के आधार पर द्वितीय चरण में ब्लॉक मुख्यालय को पुस्तकें बांटी जाए। ऐसे में सभी ब्लॉक से आधी-अधूरी पुस्तकें लेेने के लिए आ रहे हैं। ब्लॉक में पुस्तकें पहुंचने पर वहां से नोडल और नोडल से विद्यालयों के लिए पुस्तकें परिवहन होगी। जबकि, यहीं सारी प्रक्रिया शेष रही पुस्तकों के लिए तृतीय चरण में फिर से अपनानी होगी और ईंधन का पानी करना तय है। हालांकि, जिला वितरण केन्द्र से ब्लॉक मुख्यालय तक पुस्तकें पहुंचाने के लिए वाहन व्यवस्था पाठ्य-पुस्तक मण्डल की ओर से की जा रही हैं। ब्लॉक नोडल केन्द्र से पीईईओ विद्यालय तक पुस्तकें परिवहन के लिए निविदाएं आमंत्रित की है।
31 जुलाई तक पढ़ाई नहीं
हाल ही में सरकार ने वैश्विक महामारी को लेकर 31 जुलाई तक विद्यालय में विद्यार्थियों के अध्यापन पर रोक लगाई हैं। ऐसे में 31 जुलाई के पूर्व प्रवेशोत्सव संबंधित ही कार्य होने हैं। विद्यार्थियों को पुस्तकें तो बाटनी नहीं है। यदि थोड़ी सी दूरदर्शिता रख पुस्तक वितरण जुलाई माह के अंतिम सप्ताह में किया जाता, तो पुस्तकों के परिवहन के नाम पर सरकार के काफी धन की बचत हो जाती।
अधिकारी ने कहा..
. पाठ्य-पुस्तक मण्डल ने समय-चक्र घोषित किया है, तो हमे उसकी पालना करनी जरूरी है। पुस्तकें काफी अप्राप्त हैं। इसको देखते हुए तृतीय चरण फिर घोषित करना होगा।
– मणिलाल छगण, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी
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