डूंगरपुर

मां बनी प्रेरणास्त्रोत, बेटा बना आईएएस

डूंगरपुर जिले के गलियाकोट उपखंड में हाल ही बतौर उपखंड मजिस्ट्रेट नियुक्त राजेश मीणा का भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ। मूलत: सवाईमाधोपुर जिले की वजीरपुर तहसील अंतर्गत किशोरपुर गांव के राजेश बचपन से मेधावी विद्यार्थी रहे हैं। अपनी सफलता का श्रेय वह अनपढ़ मां धर्मबाई को देते हैं। राजेश का कहना है कि मां भले अनपढ़ है, लेकिन जीवन के नैतिक मूल्यों का ज्ञान मुझे उन्हीं से मिलता है। जब भी किसी छोटी-मोटी असफलता से निराश होकर उनके पास बैठा तो उन्होंने नई ऊर्जा का संचार किया। आरएएस परीक्षा में नैतिक मू

डूंगरपुरAug 05, 2020 / 05:48 pm

Harmesh Tailor

मां बनी प्रेरणास्त्रोत, बेटा बना आईएएस

मां बनी प्रेरणास्त्रोत, बेटा बना आईएएस
– गलियाकोट उपखण्ड अधिकारी राजेश मीणा का भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन
गलियाकोट (डूंगरपुर).
डूंगरपुर जिले के गलियाकोट उपखंड में हाल ही बतौर उपखंड मजिस्ट्रेट नियुक्त राजेश मीणा का भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ। मूलत: सवाईमाधोपुर जिले की वजीरपुर तहसील अंतर्गत किशोरपुर गांव के राजेश बचपन से मेधावी विद्यार्थी रहे हैं। अपनी सफलता का श्रेय वह अनपढ़ मां धर्मबाई को देते हैं। राजेश का कहना है कि मां भले अनपढ़ है, लेकिन जीवन के नैतिक मूल्यों का ज्ञान मुझे उन्हीं से मिलता है। जब भी किसी छोटी-मोटी असफलता से निराश होकर उनके पास बैठा तो उन्होंने नई ऊर्जा का संचार किया। आरएएस परीक्षा में नैतिक मूल्यों पर लिखते समय भी मां की सिखाई हुई बातें मेरे बहुत काम आई।
मीणा ने बताया कि उनके पिता कमोदराम मीणा सेवानिवृत्त शिक्षक हैं तथा इन दिनों गांव में खेती बाड़ी ही संभालते हैं। तीन भाई और एक बहन है। प्रारंभिक शिक्षा गांव के राजकीय विद्यालय में ही प्राप्त की। इसके बाद कोटा से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आईआईटी में सलेक्ट होने पर बीटेक की। २०१६ में राजस्थान प्रशासनिक सेवा में अव्वल रहते हुए चयन हुआ। पिछली बार भी आईएएस परीक्षा क्लियर की थी, लेकिन साक्षात्कार में नहीं हो पाया। लक्ष्य आइएएस ही था, इसलिए पूरे मनोयोग के साथ दोबारा तैयारी की और आखिरकार सफलता मिली। बचपन से लेकर अब तक हर कदम पर माता-पिता सहित पूरे परिवार और शुभचिन्तकों को पूरा सहयोग मिला।

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