भारतीय ट्राइबल पार्टी के चौरासी विधायक राजकुमार रोत की बारात रविवार सुबह पाडली सांसरपुर गांव से दो गाडिय़ों में रवाना हुई और यह डूंगरपुर शहर से सटे कुशालमगरी गांव पहुंची। औद्योगिक क्षेत्र मोड़ पर बारात उतरी और फिर दूल्हे बने विधायक राजकुमार रोत घोड़ी पर चढ़े। यहां दो घोडिय़ों की व्यवस्था कर रखी थी। इसमें से एक पर विधायक बैठे, तो वहीं दूसरी घोड़ी पीछे चल रही थी। बैण्ड-बाजों इस दौरान आगे पीछे बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। विधायक की शादी में आदिवासी परंपरा के अनुसार ढोल मंजीरे के साथ हुई। बारात में शामिल हुए। इसमें से कई लोगों के मास्क भी लगा हुआ नहीं था।
विधायक की बारात दुल्हन के घर के नजदीक पंहुची तो यहां दुल्हन परिवार के लोगों ने आदिवासी परम्परा अनुसार स्वागत किया। इसके बाद फूलों की बारिश से स्वागत करते हुए दूल्हे विधायक सहित बारात को एक घर पर उतारा। यहां सामाजिक रस्में हुई। शादी के लिए यहां दो बड़े-बड़े पाण्डाल सजाए हुए थे। भोजन के लिए भी बहुत बड़ा पांडाल बनाया था। यहां भी बड़ी संख्या में लोग थे।
दोपहर बाद सोशल मीडिया पर वैवाहिक आयोजन के वीडियो एवं फोटोग्राफ वायरल होते ही जमकर लोगों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई। वैवाहिक आयोजनों की गाइड-लाइन की पालना के लिए सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन गत कई दिनों से काफी सख्त कदम उठा रहा था। यहां तक की शनिवार को स्वयं जिला कलक्टर अपने पूरे लवाजमे के साथ पूरे शहर में भ्रमण को निकले तथा हर शादी मण्डप में पहुंच कर सख्त हिदायतें भी दी। वहीं, एक विवाह स्थल पर अधिक लोग मिलने पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाते हुए एफआईआर तक दर्ज करवाने के निर्देश दिए। पर, रविवार को विधायक की शादी में प्रशासन की मूकदर्शिता सोशल मीडिया पर छाई रही। लोगों का कहना रहा कि नियम-कायदे सिर्फ आमजन के लिए ही हैं।