बेणेश्वर धाम: संत मावजी की भविष्यवाणियों से रूबरू होगी दुनिया
संत मावजी के चौपड़ों का हो रहा डिजिटलाइजेशन
रंग ला रही है पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की पहल
डूंगरपुर
Updated: February 26, 2022 12:14:44 pm
डूंगरपुर. जनजातिजनों की आस्थाओं के केन्द्र बेणेश्वर धाम पर स्थित करीब 400 साल पुरानी कलाकृतियों को संरक्षित करने की दृष्टि से पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर द्वारा की गई पहल रंग ला रही है। केंद्र की पहल पर लिए गए संत मावजी के चौपड़ों के डिजिटलाइजेशन के कार्य के तहत शुक्रवार से जिले के शेषपुर मंदिर में संग्रहित चौपड़े के डिजिटलाइजेशन का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
चौपड़े के चित्रों की रेप्लिका तैयार होगी
भारतीय प्रशासनिक सेवा की वरिष्ठ अधिकारी एवं पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर की निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि बेणेश्वर धाम के महंत अच्युतानंद महाराज के आग्रह पर कलाकृतियों के डिजिटलाइजेशन का कार्य शुरू किया गया है और प्रथम चरण में साबला व शेषपुर स्थित संत मावजी के चौपड़े का डिजीटलाइजेशन करते हुए इनकी (रेप्लिका) प्रतिकृतियां तैयार करवाई जाएंगी। दूसरे चरण में बांसवाड़ा व पूंजपुर मंदिरों के चौपड़े की फोटोग्राफी होगी।
उन्होंने कहा कि जनजाति बहुल दक्षिण राजस्थान की कला-संस्कृति अनूठी है, इसके संरक्षण-संवर्धन के प्रयासों के तहत यह कार्य हाथ में लिया गया है। डिजीटलाइजेशन के बाद कलाकारों के माध्यम से इसकी प्रतिकृतियां तैयार करवाते हुए शिल्पग्राम में इनकी प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
शेषपुर चौपड़े की फोटोग्राफी पूर्ण
चौपड़ों के डिजिटलाइजेशन कार्य के समन्वयक व उदयपुर के सूचना एवं जनसंपर्क उपनिदेशक डॉ. कमलेश शर्मा ने बताया कि केंद्र द्वारा गत दिनों टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से एक फर्म को इन कलाकृतियों के डिजिटलाइजेशन का कार्यादेश दिया गया है। फर्म द्वारा गत दिनों हरि मंदिर साबला स्थित चौपड़े की फोटोग्राफी के बाद शुक्रवार को शेषपुर मंदिर स्थित चौपड़े की फोटोग्राफी की गई। मूल चौपड़े के साथ ही करीब दस फीट कपड़े पर चित्रित कलाकृति की भी फोटोग्राफी की गई। इन फोटॉग्राफ को एडिट करने के बाद प्रदर्शनी के लिए सॉफ्ट व हार्ड कॉपी तैयार होगी। इसके साथ ही एक डिजिटल बुक भी तैयार कर ऑनलाइन उपलब्ध कराने की योजना है।
बेणेश्वरधाम से जुड़े गुरुभक्त मांगीलाल गर्ग, यशवंत मेहता, अभिषेक शर्मा, मनोहर लाल किकोड़, हीरालाल खासोर, जगदीश सरवार, धनेश्वर मीणा, अनिल खासोर आदि ने चौपड़े का डिजिटलाइजेशन कार्य करवाया। इस मौके पर पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के करणसिंह, सुरेश छाबड़ा, रामजी भाई आदि मौजूद थे।
जल्द होगा लोकार्पण
धाम के महंत अच्युतानंद महाराज ने बताया कि बेणेश्वर धाम की प्राचीनता, संत मावजी और इनके परवर्ती संतों, मावजी रचित चारों चौपड़ों, इनमें उकेरे गए भविष्य दर्शाते चित्रों, धाम की धार्मिक महत्ता और इससे संबंधित परंपराओं, बेणेश्वर धाम मेला और इसके वैशिष्ट्य को देखते हुए यदि बेणेश्वर केंद्रित प्रदर्शनी या संग्रहालय बनता है तो श्रद्धालुओं और गुरुभक्तों को खुशी होगी। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र चौपड़ों का डिजिटलाइजेशन कर रहा है, यह सराहनीय कार्य है। इससे संत मावजी और बेणेश्वरधाम की महत्ता और गौरव दिकदिगंत तक प्रसारित होगा। यदि डिजिटलाइजेशन हो जाएगा तो जल्द ही मुख्यमंत्री के हाथों इसका लोकार्पण भी करवाया जाएगा और धाम व पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र में प्रदर्शनी आयोजन की योजना भी है।

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