यहां अंधरे में डूबा गांव, पानी के लिए लाए जनरेटर
डूंगरपुरPublished: Jun 01, 2023 10:34:24 am
डूंगरपुर. शहर सहित जिले भर में चार दिन गुजरने के बाद भी विद्युत निगम की व्यवस्थाएं सुधर नहीं पाई है। इससे आमजन त्राहि माम्-त्राहि माम् करने लग गए हैं।


यहां अंधरे में डूबा गांव, पानी के लिए लाए जनरेटर
यहां अंधरे में डूबा गांव, पानी के लिए लाए जनरेटर
डूंगरपुर. शहर सहित जिले भर में चार दिन गुजरने के बाद भी विद्युत निगम की व्यवस्थाएं सुधर नहीं पाई है। इससे आमजन त्राहि माम्-त्राहि माम् करने लग गए हैं। जिला मुख्यालय से बमुश्किल एक किलोमीटर दूर स्थिति सुरपुर क्षेत्र चार दिन से अंधेरे में डूबा हुआ है। इससे जलापूर्ति भी नहीं हो पाई है। इससे लोग पेयजल के लिए किराये पर जनरेटर लाकर पानी का प्रबंध कर रहे हैं।
यह स्थिति
जिले में 28 मई को तेज अंधड़ आया था। इससे सुरपुर गांव में भी बिजली आपूर्ति बंद हो गई थी। यह अब तक नहीं आई है। गांव में जलदाय विभाग की पाइप लाइन की व्यवस्था भी उपलब्ध नहीं है। गांव में लगभग सभी कृषकों ने अपने घरों में बोरवेल करवा रखे हैं। गांव में एक आरो प्लांट भी है। इससे गांव के लोग वहां से पीने का पानी भरते हंै। पर, चार दिन से लाइट बंद होने के कारण बोरवेल व आरो प्लांट बंद हैं। गांववासियों ने जलदाय विभाग से टैंकर से जलापूर्ति का प्रबंध करने का भी आग्रह किया। पर, किसी ने सुनवाई नहीं की। पेयजल और खासकर पशुओं के लिए पानी का प्रबंध करने के लिए गांववासी बुधवार को शहर आए तथा यहां से जनरेटर किराये पर ले गए और जनरेटर से लाइट शुरू कर बोरवेल शुरू किए।
प्रति घंटा पांच सौ रुपए
कृषकों ने बताया कि वह शहर व आसपास के गांवों से टेंट वालों के पास से किराए पर जनरेटर ला रहे हैं। जनरेटर का प्रति घंटा पांच सौ रुपए किराए दे रहे हैं और लाने ले जाने व अंदर डीजल डालने का खर्चा अलग से हो रहा है। लोगों ने भी बताया कि गांव हंैडपंप भी ना के बराबर है। इससे पानी की समस्या हो रही है।
100 घरों की आबादी
सुरपुर शहर से महज एक किलोमीटर दूर है। गांव में लगभग सौ परिवार की आबादी है। सभी परिवार कृषि व्यवसाय एवं पशुपालन से जुड़े हैं। सभी घरों में पशुधन है। चार दिन से लाइट नहीं आने पर कृषकों को पशुओं की सार-संभार करने में काफी दिक्कत आ रही है। लोग पशुओं के लिए जनरेटर की
व्यवस्था कर रहे हैं।
इन्होंने कहा
. अंधड़ गए ने आज चार दिन हो गए हैं। इसके बाद भी गांव के सभी घरों में अधेरा है। रात भी अंधेरे में गुजरानी पड़ रही है। वहीं, लाइट बंद होने से पानी के लिए भटक रहे हैं। पर, कोई सुनने को तैयार नहीं है। - शंकरलाल पटेल
. गांव में सुविधा के नाम कोई व्यवस्था नहीं है। चार दिन से गांव में पानी के लिए जनरेटर किराए पर लाना पड़ रहा है। प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। - पूर्णचंद सेवक