डूंगरपुर

शरद पूर्णिमा विशेष : आज तीन शुभ संयोग के साथ आई पूर्णिमा रोग मुक्ति के साथ करेगी लक्ष्मी की वर्षा

आज आएगी साक्षात मां महालक्ष्मी आपके घर, बना है यह अनूठा संयोग, आज भूल कर भी नहीं करें यह काम और आज कर लेंगे यह काम, तो सदैव बनी रहेगी मां महालक्ष्मी की कृपा

डूंगरपुरOct 13, 2019 / 11:26 am

milan Kumar sharma

शरद पूर्णिमा विशेष : आज तीन शुभ संयोग के साथ आई पूर्णिमा रोग मुक्ति के साथ करेगी लक्ष्मी की वर्षा

देवीन्द्रसिंह @ डूंगरपुर. अश्विन मास में आने वाली पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के रूप में जाना जाता है। सालभर में केवल इस दिन चंद्रमा संपूर्ण व सोलह कलाओं से युक्त रहता है और किरणों से अमृत बरसाता है। इस बार शरद पूर्णिमा रविवार 13 अक्टूबर को सर्वार्थ सिद्धि, राज योग व रवि योग के साथ मनाई जाएगी। इस दिन तीनों योग सूर्योदय से सुबह 7.52 बजे तक रहेंगे। इस बार कई सालों बाद शरद पूर्णिमा पर संयोग बन रहा है। यह योग चंद्रमा और मंगल के आपस में दृष्टि संबंध होने से बन रहा है। दोनों ग्रह एक दूसरें के आमने सामने रहेंगे। इस संयोग से महालक्ष्मी योग बनता है। ऐसे में शरद पूर्णिमा का महत्व और बढ़ गया है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी का अवतरण हुआ था। इसके कारण दिवाली की तरह धन प्राप्ति व माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने का दिन माना गया है।

मां लक्ष्मी करती है धरती पर विचरण
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी धरती पर विचरण करती है। इसी कारण इस पूर्णिमा को कोजागरा भी कहते है। यानि कौन जाग रहा है। इस दिन जो व्यक्ति रात्रि जागरण करके भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना करता है उस पर माता कृपा बरसाती है। धर्म शास्त्र अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। इस दिन रात्रि जागरण एवं कीर्तन करने वाले भक्तों पर लक्ष्मी प्रसन्न होती है। शास्त्रों के अनुसार इसी दिन मां लक्ष्मी और महर्षि वाल्मीकि का जन्म हुआ था। भगवान शिव और पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का जन्म भी इस दिन हुआ है।

आज भूल कर नहीं करें यह काम
आज माता लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती है। ऐेसे मेें गृह क्लेश, चिंता, परनिंदा, लड़ाई-झगड़ा आदि भूल कर भी नहीं करें। आज के दिन मन प्रसन्नचित्त रखे और मां लक्ष्मी की आराधना करें। चीरकाल तक मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहे हैं। इसके लिए उनकी आराधना करें। घर का वातावरण स्वच्छ एवं निर्मल रखे।

मंदिरों में सजेगी महा रास की झांकियां
शास्त्रों में इस तिथि का बहुत अधिक महत्व है क्योंकि इस तिथि से शरद ऋतु का आरंभ होता है और इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों के साथ महा रास रचाया था। इसके कारण इस पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन कृष्ण मंदिरों में महारास की झांकियां सजाई जाती है। ठाकुरजी को खीर का भोग लगाया जाता है। खीर को रात भर चंद्रमा की किरणों के नीचे खुला रखकर सुबह प्रसाद वितरित किया जाता है।

औषधी युक्त खीर के सेवन से रोगों से मुक्ति
पंडित डा. रवि शर्मा के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात धन प्राप्ति व रोग मुक्ति के लिए किए गए उपाय बहुत ही कारगार साबित होते हैं। ऐसे में पूर्णिमा पर महालक्ष्मी व गणेश की आराधना सुख व स्थाई समृद्धि प्रदान करेगी। इस दिन विशेष प्रयोग करके अच्छी सेहत, प्रेम और धन पाया जा सकता है। इस दिन चंद्रमा से अमृत की वर्षा होती है जो धन, प्रेम और सेहत तीनों के लिए लाभदायक होती है। दमा रोग के लिए होगी औषधी युक्त खीर का वितरण् शरद पूर्णिमा चन्द्र किरण औषधियों युक्त खीर खाने से कई असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। इस दिन मंदिरों में व घरों में खीर बना कर 16 कलाओं युक्त चंद्रमा की चांदनी में रखकर सुबह रोग मुक्ति के लिए खीर का सेवन करेंगे। इसके लिए आयुर्वेदिक चिकित्सालयों के अलावा कई धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाएं भी दमा रोग के निदान के लिए औषधीयुक्त खीर का वितरण करेंगी।

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