बाद में ऊपर से आदेश मिलने पर पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी। इससे भीड़ एकबारगी तितरबितर हो गई तथा पहाडिय़ों से पथराव चलता रहा। इससे पूर्व शनिवार को उदयपुर में कांग्रेस नेता रघुवीरसिंह मीणा के निवास पर जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री अर्जुन बामणिया की अगुवाई में बैठक हुई। इसमें प्रदर्शनकारियों का प्रतिनिधिमंडल भी शामिल हुआ, लेकिन वार्ता बेनतीजा रही।
इधर, आंदोलन की आग जिले के अन्य हिस्सों में भी पहुंच गई। शनिवार को डूंगरपुर-आसपुर मार्ग पर रणसागर के समीप युवाओं की भीड़ ने दो-तीन वाहनों को आग लगा दी। एक दुकान का भी सारा सामान निकाल कर जला दिया। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 927ए पर डूंगरपुर व सागवाड़ा के बीच सरकण घाटी के समीप भी चक्काजाम कर वाहनों में आग लगा दी। पुलिस उपाधीक्षक सागवाड़ा निरंजन चारण की जीप में तोडफ़ोड़ की। दोनों मार्गों पर पथराव जारी है।
दिन भर शांति, शाम ढलते ही रार
हाइवे पर तीन दिन से चल रहे उपद्रव के बीच शनिवार को सुबह से माहौल शांत नजर आ रहा था। सुबह प्रदर्शनकारी बौखला-भुवाली क्षेत्र में करीब 3 किमी हाइवे पर जमे हुए थे। शेष मार्ग पर पुलिस जले हुए वाहनों को सडक़ से हटवाने की कार्रवाई में जुटी रही। वहीं आईजी विनीता ठाकुर ने होटलों, दुकानों में हुए नुकसान का जायजा लेकर पुलिस अधिकारियों को मुकदमे दर्ज करने के निर्देश दिए।
व्यापारियों ने किया थाने का घेराव
इससे पूर्व शुक्रवार को खेरवाड़ा कस्बे में वाहन जलाने और दुकानों में तोडफ़ोड़ करने के विरोध में शनिवार को व्यापारियों ने प्रतिष्ठान बंद कर खेरवाड़ा थाने का घेराव किया। व्यापारियों ने पुलिस पर तमाशबीन बने रहने के आरोप लगाए। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने समझाइश कर सख्त कार्रवाई का आश्वासन देते हुए व्यापारियों को शांत किया।