scriptसरकारी स्कूलों में लक्ष्य को पूरा बताने के फेर में इस तरह आंकड़ों को बढ़ा कर पेश कर रहा है विभाग, असल में संख्या जस की तस | Education Department presenting student statistics incorrectly | Patrika News

सरकारी स्कूलों में लक्ष्य को पूरा बताने के फेर में इस तरह आंकड़ों को बढ़ा कर पेश कर रहा है विभाग, असल में संख्या जस की तस

locationडूंगरपुरPublished: Jul 21, 2018 12:30:14 am

Submitted by:

rajesh walia

https://www.patrika.com/rajasthan-news/

डूंगरपुर.

राजकीय विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने के लिए दो-दो बार प्रवेशोत्सव के ढोल पीटने और दो-दो बार प्रवेश की अंतिम तिथियां बढ़ाने के बावजूद जिले के नामांकन का रिपोर्ट कार्ड कोई खास संतोषप्रद नहीं है। यद्यपि, कागजों में प्रारम्भिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग प्रवेशोत्सव के लिए मिले लक्ष्यों की लक्ष्मण रेखा के आसपास पहुंच गया है। लेकिन, असल आंकड़ों पर गौर करें, तो स्थितियां अलग ही है। विभाग सरकारी ही प्राथमिक से उच्च प्राथमिक विद्यालय एवं उच्च प्राथमिक से माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय में आ रहे छात्र-छात्राओं को भी नवप्रवेशी मान रहा है। जबकि, यह विद्यार्थी सरकारी स्कूलों में ही पढ़ रहे हैं। पर, केवल कागजों में नामांकन बढ़ाकर लक्ष्यों की पूर्ति पूर्ण की जा रही है।
इतना मिला था लक्ष्य

प्रारम्भिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग अंतर्गत अब तक प्रवेशोत्सव अभियान दो बार चलाया गया। दोनों ही विभाग को गत वर्ष के कुल नामांकन की तुलना में 10 फीसदी नामांकन बढ़ाने के लक्ष्य मिले हैं। प्राथमिक शिक्षा विभाग का गत वर्ष का नामांकन एक लाख 35 हजार था। इस हिसाब से उन्हें 13 हजार 500 का लक्ष्य मिला और इस वर्ष इन्होंने अब तक 13 हजार 329 का नवप्रवेश के आंकड़े बताए हैं। वहीं, माध्यमिक शिक्षा विभाग का गत वर्ष का नामांकन एक लाख 71 हजार 556 था। इस वर्ष उन्हें करीब 17 हजार का लक्ष्य मिला था और अब तक 16 हजार 406 नवप्रवेशी बताया है।
यूं चला आंकड़ों का खेल
विभाग के नवप्रवेशी का रिपोर्ट कार्ड देखा जाए, तो प्रारम्भिक शिक्षा विभाग मेें 13 हजार 329 नवप्रवेशी बच्चों में से तीन हजार 372 बच्चे तो सीधे ही आंगनवाड़ी केन्द्रों से मिले हैं। निजी स्कूलों से महज 775 बच्चे वापस सरकारी स्कूलों में आ पाए हैं। वहीं, नवनामांकन 9182 बताया है। वहीं, माध्यमिक शिक्षा विभाग ने अपने रिपोर्ट कार्ड में नवप्रवेशी 16 हजार 406 बताया है। इसमें कक्षा एक में महज 3125 का नवप्रवेश है। शेष दूसरी से पांचवीं, सातवीं व आठवीं, दसवीं से 12वीं कक्षा में नवप्रवेश का संतोषजनक नहीं है। उपरोक्त कक्षाओं के परे कक्षा छह, नौ एवं 11वीं में नामांकन अधिक हैं। शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह सरकारी ही स्कूल में कक्षा पांच से छह, तो उप्रावि में आठवीं उत्तीर्ण कर नौ में प्रवेश ले लिए हैं। असल नामांकन तो कक्षा एक का ही है।
अगस्त तक होगी स्थिति साफ

अधिकांश विद्यार्थी प्रारम्भिक से माध्यमिक शिक्षा विभाग में कक्षा क्रमोन्नति लेकर आते हैं। यह नवनामांकन ही गिना जाता है। अभी प्रवेशोत्सव अभियान 31 जुलाई तक चलेगा। लक्ष्य से अधिक नामांकन सरकारी स्कूलों में होगा। हमारा मूल उद्देश्य ड्राप-आऊट एवं हाउस होल्ड सर्वे में चिन्हित बच्चों को स्कूलों से जोडऩा है। पांच अगस्त तक वास्तविक रिपोर्ट सामने आएगी।
गटूलाल अहारी, शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी, माध्यमिक

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो