गहलोत राजस्थान के डूंगरपुर जिले में एक सभा को संबोधित कर रहे थे जहां उन्होंने सीमलवाड़ा में शांतिनाथ जैन मंदिर में प्रार्थना की और एक अनुष्ठान में भाग लिया। उन्होंने कहा कि झारखण्ड स्थित जैन समुदाय के पवित्र स्थल सम्मेद शिखरजी को वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजन’ के तीर्थ स्थलों से जोड़ा गया है।
गहलोत ने कहा, भगवान महावीर के सिद्धांत हम सभी के लिए एक प्रेरणा हैं। महात्मा गांधी ने भी जैन मुनियों द्वारा बताए गए सत्य, अहिंसा और शांति के मार्ग का अनुसरण किया और हमें अंग्रेजों से आजादी दिलाने में सफल रहे। हमें यही संदेश खुद को आत्मसात करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सिद्धांतों के कारण ही संयुक्त राष्ट्र ने महात्मा गांधी जयंती को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा के लिए एक जैन स्कूल में पढ़ाई की जहां उन्होंने शांति और अहिंसा का पाठ सीखा।
मुख्यमंत्री ने अपने एक दिवसीय डूंगरपुर दौरे के दौरान जिले में राहत शिविरों का भी निरीक्षण किया। पत्रकारों से बात करते हुए गहलोत ने कहा कि वह सरकार की मुद्रास्फीति राहत शिविर पहल के 1.16 करोड़ पंजीकरण और गारंटी कार्डधारकों की संख्या 5.29 करोड़ को पार करने के बारे में उत्साहित हैं।
गहलोत ने देश के लिए जातीय जनगणना पर जोर देते हुए कहा कि रायपुर सत्र में कांग्रेस द्वारा पारित प्रस्ताव के अनुसरण में उन्होंने और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जनगणना के पक्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने हैं।