कई दुकानों पर तो एक भी ग्राहक नजर नहीं आया। यह स्थिति तब है जब होली जनजाति अंचल का प्रमुख त्यौहार है। यहां पर पंरपराओं के रंगों के साथ त्यौहार को मनाया जाता है। व्यापारियों ने अपनी दुकान पर 20-25 दिन पहले ही लाखोंं का स्टॉक कर लिया है। व्यापारी वर्ग अब तक बाजार का रुख समझ नहीं पाया है। बताया जा रहा है कि वस्तुओं की कींमत बढऩा भी कारण है।
10 दिन पहले करते थे तैयारियां
होली पर 10 दिन पहले लोगों की तैयारियां शुरू हो जाती थी। इस बार कपड़ों एवं सर्राफा की दुकानों पर कोई रौनक नहीं है। यहां पर ढूंढोत्सव को लेकर जनजाति अंचल के लोग समूह के साथ खरीदारी करने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन ऐसा नजारा देखने को नहीं मिला।
होली पर 10 दिन पहले लोगों की तैयारियां शुरू हो जाती थी। इस बार कपड़ों एवं सर्राफा की दुकानों पर कोई रौनक नहीं है। यहां पर ढूंढोत्सव को लेकर जनजाति अंचल के लोग समूह के साथ खरीदारी करने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन ऐसा नजारा देखने को नहीं मिला।
रंग-गुलाल एवं पिचकारी पर जीएसटी
अब तक कर मुक्तरंग-गुलाल, पिचकारी जीएसटी के दायरे में आ गए हैं।
इन पर कर का प्रतिशत अधिक होने से मौज मस्ती का पर्व फीका नजर आने लगा है। जैसा बाजार हर वर्ष रहता है, ऐसा इस बार नजर नहीं आ रहा है। उदाहरण के लिए पहले जो वस्तु 100 रुपए में मिलती थी, अब वह 120 रुपए तक पहुंच गई है।
अब तक कर मुक्तरंग-गुलाल, पिचकारी जीएसटी के दायरे में आ गए हैं।
इन पर कर का प्रतिशत अधिक होने से मौज मस्ती का पर्व फीका नजर आने लगा है। जैसा बाजार हर वर्ष रहता है, ऐसा इस बार नजर नहीं आ रहा है। उदाहरण के लिए पहले जो वस्तु 100 रुपए में मिलती थी, अब वह 120 रुपए तक पहुंच गई है।
बाजार में नहीं ग्राहकी
दुकान पर स्टॉक कर लिया है। इस बार बाजार का रूख समझ नहीं आ रहा है। होली के एक सप्ताह पहले भी बाजार ने रफ्तार नहीं पकड़ी है। हर जगह की यही स्थिति है।
भानुचंद्र शाह, कपड़ा व्यवसायी
दुकान पर स्टॉक कर लिया है। इस बार बाजार का रूख समझ नहीं आ रहा है। होली के एक सप्ताह पहले भी बाजार ने रफ्तार नहीं पकड़ी है। हर जगह की यही स्थिति है।
भानुचंद्र शाह, कपड़ा व्यवसायी
दुकान पर कर रखा स्टॉक
मार्च के पहले दो दिनों में होली होने से लोगों के पास पैसा नहीं है। हर बार होली पर व्यापार को देखते हुए कपड़ों का स्टॉक कर रखा है।
अखिलेश गांधी, साडी व्यवसायी
मार्च के पहले दो दिनों में होली होने से लोगों के पास पैसा नहीं है। हर बार होली पर व्यापार को देखते हुए कपड़ों का स्टॉक कर रखा है।
अखिलेश गांधी, साडी व्यवसायी
रंगों पर 18 प्रतिशत जीएसटी
रंगों पर 18 प्रतिशत जीएसटी से लगा है। इस बार रंग काफी महंगे हो गए हैं। स्टॉक कर रखा है। उम्मीद है जल्द ही बाजार में रौनक आएगी।
मयंक मलासिया, व्यापारी
रंगों पर 18 प्रतिशत जीएसटी से लगा है। इस बार रंग काफी महंगे हो गए हैं। स्टॉक कर रखा है। उम्मीद है जल्द ही बाजार में रौनक आएगी।
मयंक मलासिया, व्यापारी
इतना लग रहा जीएसटी
पिचकारी पर – 12 प्रतिशत
रंगों पर – 18 प्रतिशत
कपड़ों पर – 05 प्रतिशत यह है कारण
रंग एवं पिचकारी पर जीएसटी
मार्च के पहले दो दिनों में होली
आवश्यक वस्तुओं का महंगा होना
पिचकारी पर – 12 प्रतिशत
रंगों पर – 18 प्रतिशत
कपड़ों पर – 05 प्रतिशत यह है कारण
रंग एवं पिचकारी पर जीएसटी
मार्च के पहले दो दिनों में होली
आवश्यक वस्तुओं का महंगा होना