मेडिकल के दौरान उलझा पुलिस से
डूंगरपुर. शराब के नशे में वाहन चला रहे एक युवक को रविवार पुलिस ने पकड़ा तो कई चौकाने वाले राज सामने आया। यह युवक गुजरात में पुलिस कांस्टेबल था और शराब तस्करी के मामले में निलम्बित होने के बाद फरार चल रहा था।
थानाधिकारी सुनील शर्मा ने बताया कि रविवार को अपराधियों और शराब तस्करी के दौरान रतनपुर चौकी के निकट की गई नाकाबंदी के दौरान एक काले रंग की कार आती दिखी। इसकी तेज गति और काले कांच को देखकर चौकी प्रभारी अशोक कलाल और मुकेश कुमार ने गाडी रूकवाई और पूछताछ की तो चालक ने अपना नाम प्रभुदास पुत्र सोमाभाई डोडियार निवासी पहाडिय़ा तहसील भीलूडा गुजरात बताया। शराब की बदबू आने पर पुलिस दल इसे लेकर बिछीवाड़ा चिकित्सालय लाया तो यहां यकायक यह पुलिस से उलझ गया और मारपीट पर उतारू हो गया। इसी दौरान थानाधिकारी शर्मा भी पहुंच गए और इसे गिरफ्तार कर मेडिकल कराया तो शराब के सेवन की पुष्टि हुई।
पूछताछ में हुआ खुलासा
इस युवक से गहनता से पूछताछ की। पहले तो वो धमकाता रहा। इसके बाद गुजरात के समीपवर्ती थानों में इसके फोटो केे साथ पड़ताल कराई तो इस युवक के पुलिस विभाग में निलम्बित कांस्टेबल के रूप में पहचान हुई। गुजरात पुलिस ने बताया कि प्रभुदास अहमदाबाद में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत था और इस दौरान इसने राजस्थान से गुजरात में शराब की खूब अवैध तस्करी की।
पिछले दिनों गुजरात पुलिस ने इसकी पत्नी के नाम की गाड़ी में शराब पकड़ी थी। जांच में इसकी लिप्तता का खुलासा होने पर इसे लगभग छह माह पहले गुजरात पुलिस ने निलम्बित कर दिया था।
पुलिस को थी तलाश
निलम्बित होने के बाद इसकी विभागीय जांच चल रही थी। इसके अलावा पुलिस थाना मोडासा ग्रामीणमें २३६ पेटी शराब परिवहन में इसकी लिप्तता पाई गई थी और इसके विरूद्ध प्रकरण भी दर्ज हुआ था। यह तब से फरार था और पुलिस को इसकी तलाश थी।